चंडीगढ़। हाई कोर्ट में हरियाणा व पंजाब के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रकाश सिंह बादल जैसे लोगों काे किसान होने के नाम पर आयकर में छूट को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट ने नोटिस का केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जवाब नहीं देने पर कड़ा रुख दिखाया है। हाई कोर्ट ने सरकारों को 15 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
हाई कोर्ट का सख्त रुख, केंद्र समेत हरियाणा और पंजाब को 15 जनवरी तक देना होगा जवाब
हाई कोर्ट में दायर एक जनहित में कहा गया था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रकाश सिंह बादल जैसे लोगों काे किसान होने के नाम पर आयकर में छूट नहीं मिलनी चाहिए। ऐसे लोग जो व्यापार और उद्योगों से करोड़ों कमाते हैं, वे कृषि आय के कर मुक्त होने का फायदा उठाकर अन्य माध्यमों की आय पर भी वाजिब कर नहीं देते हैं। ऐसे करोड़पति किसानों को छूट का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
जनहित याचिका में उठाए गए इन सवालों पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व केंद्र ने जवाब तलब किया था। हालांकि किसी भी प्रतिवादी ने जवाब दायर नहीं किया और कोर्ट से समय देने की मांग की। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी पक्षों को 15 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। याचिका में हुड्डा, बादल के अलावा पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं।
एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने दायर याचिका में कहा कि किसानों को आयकर से छूट का प्रावधान गलत है। इसमेंं अधिकतम आय के बारे में कोई जिक्र नहीं है, जिसका फायदा उठाकर उद्योगपति, ट्रासपोर्टर, शराब व्यापारी आदि अन्य माध्यमों से प्राप्त आय को भी कृषि आय में दिखाकर कर की चोरी करते हैं। यह हमारे संविधान में निहित सोशलिस्ट रिपब्लिक की भावना को आहत करने वाला है।
याची ने कहा कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म कमीशन ने सन 2014 मेंं अपनी रिपोर्ट में किसानों की 50 लाख तक की आय को करमुक्त रखने की संस्तुति की थी, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने इनसे किनारा कर लिया। याची के मुताबिक चुनाव के समय नामांकन पत्र में दी गई जानकारियों से यह बात साबित होती है कि जो अपना बड़ा बिजनेस एंपायर रखते हैं, वे भी कृषि आय पर कर में छूट का लाभ उठा रहे हैं।
याची ने हाई कोर्ट से अपील की कि जैसे पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के लिए अधिकतम आय सीमा निर्धारित की गई है, उसी प्रकार से कृषि क्षेत्र में भी प्रावधान किया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे।