चंडीगढ़। वित्तीय संकट में घिरी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा किसानों के कल्याण की कई स्कीमों पर कैंची चलाने का मामला तूल पकड़ना शुरू हो गया है। किसानों को दी जाती मुफ्त बिजली पर कट लगाने के लिए ट्यूबवेलों पर बिजली के मीटर लगाने और सुविधा केंद्र बंद करने के फैसलों का किसानों के साथ ही विपक्षी पार्टियों शिअद व आप द्वारा भी तीखा विरोध शुरू हो गया है। किसान संगठनों आंदोलन का एेलान किया है और कहा है कि वे अब मंत्रियों, विधायकों व सांसदाें का घेराव करेंगे।
कैबिनेट के फैसले के पंजाब भर में किसान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। किसानों ने मंत्रियों, विधायकों व सांसदों का क्षेत्रवार घेराव करने की घोषणा कर दी है। इसके लिए फरवरी के पहले सप्ताह में सभी किसान संगठन रणनीति बनाएंगे।
किसान जत्थेबंदियों ने वीरवार को जिला स्तर पर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के पुतले फूंके। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं जोगिंदर सिंह, झंडा सिंह जेठूके और सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि पहले मुकम्मल कजऱ्माफी से कैप्टन सरकार भागी और अब किसानों व मज़दूरों को मिली मुफ़्त बिजली की सुविधा भी ट्यूबवेलों पर मीटर लगाकर छीनना चाहती है। यह बिजली के निजीकरण की तरफ एक और बड़ा कदम है।