शिमला. आईजीएमसी में मरीजों को सभी तरह की सुविधाएं देने की बात की जाती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। यहां पर मरीजाें काे निशुल्क मेडिसन स्टाेर में सर्दी, जुकाम अाैर बुखार तक की सामान्य दवाएं नहीं मिल पा रही।
मजबूरन मरीजाें काे जन औषधी केंद्रों में दवाएं खरीदनी पड़ रही है। डॉक्टर सामान्य बीमारी होने पर डिस्पेंसरी से दवाइयां लेने के लिए कहते हैं, क्योंकि बाजार में इन दवाइयों के अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं।
प्रशासन ने करीब तीन माह पहले ही निशुल्क जेनेरिक स्टाेर काे अपने अंतर्गत ले लिया था। उस दाैरान दावा किया था कि यहां पर सरकार की निर्धारित 356 दवाएं देंगे, मगर अब साधारण बीमारियाें की दवाएं भी नहीं मिल पा रही है।
उधर प्रशासनिक अधिकारियाें का कहना है कि अाईजीएमसी में अधिक भीड़ हाेने के कारण कई बार स्टाॅक खत्म हाे जाता है।खत्म दवाअाें का स्टाॅक जल्द उपलब्ध हाे जाएगा। वहींमरीजाें का कहना है कि पर्ची में यदि पांच दवाएं लिखी हाेती हैं ताे निशुल्क मेडिसन स्टाेर में एक या दाे दवाएं ही मिल पाती हैं। बाकि दवाएं लेने के लिए बाहर भेजा जाता है।
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