पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में शांति के लिए नहीं बल्कि अराजकता फैलाने के लिए मौजूद है. एक साक्षात्कार में खार ने सीएनएन से कहा, “जैसा कि जॉर्ज फ्रीडमैन ने अपनी किताब ‘द नेक्स्ट 100 इयर्स’ में कहा है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अराजकता फैलाने के लिए मौजूद है ताकि रूस, चीन, ईरान और दूसरे क्षेत्रीय देशों को काबू में रखा जा सके.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए वर्ष पर पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ट्वीट पर चर्चा करते हुए खार ने कहा कि अगर वह विदेश मंत्रालय का प्रभार संभाल रही होती तो वह उस ‘ट्वीट को नजरअंदाज करतीं और ट्वीट के बजाए ट्विटर की ज्यादा चिंता करतीं.’
2018 के पहले दिन ट्रंप के ट्वीट के बाद के प्रभावों से पाकिस्तान अभी भी लड़खड़ाया हुआ है. इस ट्वीट में ट्रंप ने आतंकियों को पनाह देने के कारण पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी आगामी सहायताओं पर रोक लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद सहायता रोक भी दी गई.
ट्वीट में ट्रंप ने कहा था, ‘अमेरिका पिछले 15 सालों से पाकिस्तान को बेवकूफों की तरह 33 अरब डॉलर की सहायता मुहैया करा चुका है’ और पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि वह अमेरिकी नेताओं को बेवकूफ समझता है.
उन्होंने कहा था, “जिनकी हम अफगानिस्तान में तलाश कर रहे हैं, उन्हें वे (पाकिस्तान) आश्रय दिए हुए हैं, आगे ऐसा नहीं होगा.”
मदद में कटौती की घोषणा पर उनकी प्रतिक्रिया क्या है, इस पर हिना रब्बानी खार ने कहा, “अमेरिका वर्तमान में सुपर पॉवर है लेकिन अगर आप अपनी विदेश नीतियों से अलग हटकर ट्वीट करेंगे तब मैं स्पष्ट रूप से कहती हूं कि अगर मैं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का प्रभार संभाल रही होती तो इसे पूर्ण रूप से नजरअंदाज करती.”
उन्होंने कहा, “वह व्यक्ति आदतन ट्वीट करता है और बिना किसी गंभीरता के ट्वीट करता है। सभी अन्य ट्वीट देखने के बाद, मुझे लगता है कि हमें ट्वीट के बजाए ट्विटर की ज्यादा चिंता करनी चाहिए.”
दैनिक ‘द नेशन’ ने सीएनएन के हवाले से बताया कि खार ने कहा, ” मुझे नहीं लगता कि हम इस पर रत्ती भर भी निर्भर हैं. पाकिस्तान में पदों को संभालने के पांच साल के अनुभव के बाद मैं आपसे यह कह सकती हूं कि हमारी (पाकिस्तान की) अमेरिकी सहायता पर निर्भरता की बात खासी अतिरंजित है.”
ट्रंप का मजाक बनाते हुए खार ने कहा कि किसी को कुछ बुनियादी गणित करने के लिए ‘ प्रतिभावान’ होने की जरूरत नहीं है.
पूर्व मंत्री ने कहा, “उन्होंने (ट्रंप ने) अमेरिका से पाकिस्तान को करीब 33 अरब डॉलर की मदद प्राप्त करने के बारे में बात कही थी. तथ्य यह हैं कि 2001 से पाकिस्तान ने सुरक्षा सहायता के तहत 4.8 अरब डॉलर और नागरिक सहायता क्षेत्र के लिए 5.3 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त की ह.।”
पूर्व विदेश मंत्री ने दावा किया कि ‘अफगानिस्तान में बहुत बड़ी हार के लिए पाकिस्तान को पूरी खुशी से बलि का बकरा बना दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि काबुल में इस्लामाबाद भी बराबर का पीड़ित है.
चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में खार ने कहा कि चीन शायद हमारा इकलौता रणनीतिक साझीदार है और उसके साथ हमारा हितों का मुकम्मल तालमेल है.