जयपुर. चुनाव में चाय-पकौड़े अब सरकार बनाने गिराने वाले हो गए हैं। शायद इसीलिए ज्यादातर राजनीतिक चर्चाएं चाय पर होती हैं और नेता भी जनता के बीच जाकर पकौड़े तलना पसंद कर रहे हैं। यह तस्वीर आमेर विधानसभा क्षेत्र की है। केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने रविवार को बूथ अभियान के दौरान एक दुकान पर पकौड़े तले। कहा- “स्वरोजगार स्वाभिमान है। शर्म नहीं, गर्व की बात है। पिछला आम चुनाव और राजस्थान चुनाव में चाय चर्चा में आई थी और चाय प्रचार का सबसे पसंदीदा हथियार बन गई थी।”
मोदी ने जनवरी में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान श्रम मंत्रालय के आंकड़ों पर पूछे गए सवाल पर कहा था- कोई व्यक्ति अगर पकौड़ा बेच रहा है तो वह रोजगार होगा कि नहीं?
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भानुप्रतापपुर.ये हैं देवलाल दुग्गा। यहभानुप्रतापपुर के भाजपा उम्मीदवार हैं। इनकी खास बात यह है कि यहगाड़ी में भारी-भरकम साउंड बॉक्स और साथ में टेबल लेकर चलते हैं। जहां भीभीड़ दिखती है वहींसभा शुरू कर देते हैं।
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सागर. निर्वाचन के दौरान दिव्यांग और गंभीर रूप से बीमार चल रहे कई लोगों की ड्यूटी प्रस्तावित की जा रही है। इनकी ट्रेनिंग भी चल रही है। गैरहाजिर रहने वालाें को नोटिस थमाए जा रहे हैं। दिव्यांग और बीमार व्यक्तियों की ड्यूटी भी तभी काटी जा रही है, जब वे स्वयं उपस्थित हो रहे हैं। ऐसी ही परेशानी का सामना केसली ब्लॉक के कन्या संकुल केसली अंतर्गत पुतर्रा स्कूल के शिक्षक गणेश लोधी को भी करना पड़ा। उनके पुत्र शुभम लोधी ने बताया कि मेरे पिता को पैरालिसिस अटैक आने के बाद नागपुर में लकवाग्रस्त पैर का इलाज चल रहा है। इसके बाद भी चुनाव कार्य में उनकी ड्यूटी लगा दी गई।
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भोपाल. भाजपा मुख्यालय की सीढ़ियों पर बैठे भोपाल सांसद आलोक संजर को पार्टी ने नई जिम्मेदारी दी है। सूत्रों के मुताबिक टिकट नहीं मिलने से नाराज जो भी नेता पार्टी दफ्तर आएं, उन्हें समझा-बुझाकर शांत करने के लिए ही इन्हें दफ्तर के प्रांगण में बैठाया गया। दरअसल, 2013 के चुनाव में एक दावेदार के समर्थकों ने दफ्तर की खिड़कियों के कांच तोड़ दिए थे। रविवार को भी एक दावेदार ने टिकट कटने के बाद रैली की। इसकी जानकारी भाजपा को मिली तो संजर और विजेंद्र सिंह सिसोदिया को दफ्तर प्रांगण में कुर्सी डालकर बैठा दिया गया। तस्वीर में संजर से बात करते पार्टी नेता विजेश लुनावत।