अंकारा. तुर्की के सबसे महत्वपूर्ण शहर इस्तांबुल की म्यूनिसिपैलिटी विवादों में आ गई है। इसने महिलाओं को सलीका सिखाने के लिए नियम बनाए हैं। इसमें कहा गया है कि सभ्य महिलाओं को आइसक्रीम चाट-चाटकर नहीं खाना चाहिए। ऐसा करना भद्दा लगता है। सोशल मीडिया पर ऐसे नियमों को लेकर खासी बहस चल रही है। लोग इसे महिलाओं की आजादी पर हमला मान रहे हैं।
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इस्तांबुल की बागसिलर म्यूनिसिपैलिटी ने महिलाओं को सलीका सिखाने के लिए दो महीने का कोर्स लॉन्च किया है। इससे जुड़े जानकारों काकहना है कि लेक्चर के जरिए युवतियों को बताया जाएगा कि सार्वजनिक स्थानों पर उनका बर्ताव कैसा होना चाहिए।
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म्यूनिसिपैलिटी का कहना है कि इस्तांबुल की सभ्य महिलाओं को पारंपरिक लोकाचार आना चाहिए। महिलाओं को विनम्र रहना, किचन में काम करना जैसी चीजें सिखाई जाएंगी। यह भी बताया जाएगा कि उन्हें पूरा मुंह खोलकर बात नहीं करना चाहिए।
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म्यूनिसिपैलिटी के नियमों के चलते सोशल मीडिया पर बहस भी छिड़ गई है। एक ग्रुप ‘लेडीज गाइड’ का कहना है- ठीक है महिलाओं को आइसक्रीम चाटना नहीं चाहिए। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि आइसक्रीम कोन का आनंद लेना खराब क्यों माना जाता है? लोगों ने यह भी लिखा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग महिलाओं के आइसक्रीम खाने पर भी नजररखते हैं।
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ट्विटर पर एक व्यक्ति ने पूछा- आइसक्रीम खाने का सही तरीका क्या है? एक अन्य ने कहा कि क्या पूरी आइसक्रीम को मुंह में फिट कराने की कोशिश करना चाहिए या फिर कुछ और? किसी ने लिखा- हम तो आइसक्रीम चाटकर ही खाएंगे, इस पर सलाह देने की कोशिश न करें।
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म्यूनिसिपैलिटी के नियमों में महिलाओं के चुइंगम चबाने को भी खराब बताया गया है। यह भी कहा गया है कि उन्हें बस में यात्रा के दौरान न तो फोन पर लंबी बात नहीं करना चाहिए और न ही भद्दे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। पुरुषों से पहली बार मिलने पर महिलाओं को यह नहीं पूछना चाहिए कि उनकी शादी हो गई या उनके कितने बच्चे हैं?
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महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए गणित की लेक्चरर अर्जु अरदा को बुलाया गया है। अरदा कहती हैं- सलीका ही हमारे धर्म, परंपरा और संस्कृति को बढ़ाता है। शिष्टाचार और विनम्रता समाज मेंकम हो रही है। उम्मीद है कि स्थिति में बदलाव आएगा।