कपूरथला। पवित्र काली बेई में लगभग साढ़े पांच वर्षों से डाले जा रहे कपूरथला शहर के सीवरेज के गंदे पानी को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन समेत सेक्रेटरी ए वेणु प्रसाद को 12 जनवरी को स्थायी लोक अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए समन हुए थे, लेकिन वह शुक्रवार को अदालत में पेश नहीं हुए। इस पर अदालत की तरफ से सिद्धू एवं वेणु प्रसाद को सोमवार नोटिस जारी किए जाएंगे। अगर वह तय तिथि पर हाजिर न हुए तो फिर उनके खिलाफ पहले जमानती और फिर गैर जमानती वारंट जारी होंगे।
इस मामले में लोक अदालत ने ए वेणु प्रसाद, डायरेकटर कमल यादव, डिप्टी डायरेकटर संजीव शर्मा, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देशक कम चेयरमैन काहन सिंह पन्नू एवं नगर कौसिल कपूरथला की प्रधान अमृतपाल कौर वालिया को भी कोर्ट ने तलब कर रखा था, लेकिन शुक्रवार को स्थानीय निकाय मंत्री समेत अन्य कोई भी आला अधिकारी अदालत में पेश नहीं हुआ।
हालांकि, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से एसडीएम राजीव भाटिया, नगर कौंसिल कपूरथला से एसओ एवं डीसी दफ्तर से पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अनिल कुमार अदालत में पेश हुए। इस दौरान एसओ नगर कौंसिल ने अदालत को बताया कि कौंसिल ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को चलाने के लिए 29 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कर भेजा है, जिसके आने पर काम शुरू करवाया जाएगा।
उधर, इस मामले में लोक अदालत में गवाही देने के लिए विशेष तौर से पहुंचे संत बलबीर सिंह सीचेवाल के छोटे भाई बाबा सुखजीत सिंह सींचेवाल कोर्ट ने कोर्ट में बताया कि वह 14 करोड़ का नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हैं, जो देश में सींचेवाल मॉडल के नाम से मशहूर हो चुका है। इस मॉडल को केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत यूपी व बिहार की 1500 पंचायतों के अलावा आइएएस अधिकारी देखकर तारीफ कर चुके हैं।