लंदन. ब्रिटिश लोगों की खाने की आदत में जबर्दस्त बदलाव आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश का आठ में से एक व्यक्ति शाकाहारी बन चुका है। वहीं, एक तिहाई लोग या तो मीट (मांस) खाना छोड़ या कम कर चुके हैं। 21% लोग फ्लेक्सीटेरियन (खाने में बंदिश न रखने वाले) हैं। ये लोग भी ज्यादातर शाकाहार को ही प्राथमिकता देते हैं और किसी मौके पर ही मीट खाते हैं।
यह अध्ययन एक सुपरमार्केट चेन वेट्रोस ने कराया है। इसमें एक पोल में दो हजार वयस्कों को शामिल किया गया। रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन को लेकर कहा गया है कि मीट और डेयरी उत्पाद में कमी करना धरती के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन के मुताबिक ज्यादा जानवर पैदा होने से कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा में इजाफा होता है।
शाकाहार ही हेल्दी
कम्पैशन इन वर्ल्ड फार्मिंग यूके संस्था के प्रमुख निक पामर के मुताबिक, “अध्ययन का नतीजा काफी उत्साहवर्धक है। इससे सीखा जा सकता है कि कैसे ब्रिटिश अपने खाने में एनीमल प्रोडक्ट्स को कम कर रहे हैं। विज्ञान ने साबित कर दिया है कि सब्जियों-पौधों पर ही आधारित भोजन ही सबसे स्वास्थ्यवर्धक है। आप मीट, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट का खाने में इस्तेमाल जितना कम करेंगे, उतना ही पशुओं, इंसान और धरती की मदद करेंगे।”
एक्जीक्यूटिव शेफ जोनाथन मूर कहते हैं कि वेजीटेरियन लोगों की संख्या बढ़ रही है। अब वक्त है कि आप प्लांट बेस्ड डाइट अपनाएं। उधर, शाकाहार को बढ़ावा देने वाली संस्था वेगन सोसाइटी का कहन है कि ब्रिटेन में बीते चार सालों में डेयरी समेत एनीमल प्रोडक्ट में चार गुना का इजाफा हुआ है।
वेट्रोस का वेजीटेरियन पर जोर
वेट्रोस ब्रिटेन की पहली सुपरमार्केट चेन है, जिसने अपने 134 स्टोर में वेजीटेरियन सेक्शन शुुरू किया है। इसमें 40 से ज्यादा वेजीटेरियन रेडी फूड मिलते हैं। वेट्रोस की ब्रांड डेवलपमेंट हेड नताली मिचेल के मुताबिक- हम देख रहे हैं कि इस साल वेजीटेरियन फूड की मांग ज्यादा बढ़ी है। चाहे घर ले जाकर बनाने की बात हो या फिर रेडी फूड, लोगों को वेजीटेरियन टेस्ट पसंद आ रहा है।
38% वेजीटेरियन बोले- पर्यावरण के लिए इसे अपनाया
सर्वे के मुताबिक- वेजीटेरियंस ने बताया कि बीते 5 साल में ही उन्होंने अपनी लाइफस्टाइल बदली है। 55% ने कहा कि उन्होंने पशुओं के कल्याण के लिए, 45% ने सेहतमंद और 38% ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वेजीटेरियन अपनाया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 55 साल से ऊपर के लोगों की तुलना में 18 से 34 साल के लोगों के शाकाहार की तरफ मुड़ने की ज्यादा संभावना होती है। ज्यादातर शाकाहारियों ने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह के मीट को खाना एकदम बंद कर दिया है।
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