Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

बाबा साहब ने न सिर्फ संविधान बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई बल्कि राष्ट्र और समाज को एक करने में भी अपना योगदान दिया : योगेश्वर शर्मा

0
282

बाबा साहब ने न सिर्फ संविधान बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई बल्कि राष्ट्र और समाज को एक करने में भी अपना योगदान दिया : योगेश्वर शर्मा

कहा: जबकि अब केंद्र व विभिन्न राज्यों में सत्तारुढ़ भाजपा सत्ता के नशे में चूर होकर अपने अहम के लिए उसी संविधान के साथ खिलबाड़ कर रहीं है

सेक्टर 27 के चौराहे पर आप नेताओं ने बाबा साहब की प्रतिमा पर किया माल्यापर्ण

पंचकूला,14 अप्रैल। आम आदमी पार्टी ने पंचकूला के सेक्टर 27 के चौंक पर बाबा साहब अंबेदकर जयंति का आयोजन किया। पार्टी की महिला नेता पूजा नागरा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पार्टी के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बाबा साहब के व्यक्तित्व और चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनसे सीख लेने की बात भी कही। उन्होंनेम कहा कि बाबा साहब ने छूआछूत और भेदभाव जैस्ी कुरीतियों को दूर करने के साथ शिक्षा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने न सिर्फ संविधान बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई बल्कि राष्ट्र और समाज को एक करने में भी अपना योगदान दिया,जबकि अब केंद्र व विभिन्न राज्यों में सत्तारुढ़ भाजपा सत्ता के नशे में चूर होकर अपने अहम के लिए उसी संविधान के साथ खिलबाड़ कर रहीं है। उन्होंने कहा कि वह कहते थे- अगर देश की अलग-अलग जातियां एक दूसरे से अपनी लड़ाई समाप्त नहीं करेंगी, तो देश एकजुट कभी नहीं हो सकता। यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्म-शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए। हमारे पास यह आजादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें, जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है जो हमारे मौलिक अधिकारों के विरोधी हैं। एक सफल क्रांति के लिए केवल असंतोष का होना ही काफी नहीं है अपितु इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है। योगेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि बाबा साहब का यह विचार था कि राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और जो सुधारक समाज की अवज्ञा करता है, वह सरकार की अवज्ञा करने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी हैं। जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है वह आपके किसी काम की नहीं। यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्म-शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए। कार्यक्रम की आयोजक व पार्टी की महिला नेता पूजा नागरा ने कहा कि बाबा साहब ने जीवन भर जाती पाती के भेदभाव से ऊपर सबको साथ रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश सदियों तक एकता और अखंडता के सूत्र में बंधा रहे ऐसा संविधान बाबा साहब ने देश को दिया है। भीमराव आम्बेडकर समानता पर विशेष बल देते थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब कहते थे, मैं एक ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाये। इस अवसर पर उनके साथ सतीश कुमार,सुरेश गर्ग,प्रदीप अग्रवाल,आर्य ङ्क्षसह, डीसी अग्रवाल, मनप्रीत ङ्क्षसह,नेहा आदि भी उपस्थित थे।