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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

तिरंगे में लिपटकर पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर, लोगों ने दी अश्रुपूर्ण विदाई

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फिरोजपुर। पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए फिरोजपुर जिले के गांव लोहगढ़ निवासी जगसीर सिंह का आज पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सुबह से ही गांव में लोग जुटने शुरू हो गए थे। लोगों ने शहीद को भारत माता की जय के नारों के बीच अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई है।
शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को फिरोजपुर छावनी पहुंचा था। वह जम्मू-कश्मीर के नौशहरा सेक्टर में 19वीं पंजाब यूनिट में तैनात थे। उनके भाई तो दुबई से आ गए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से बहन पवनदीप कौर देर रात पहुंची, जिसके कारण अंतिम संस्कार में देरी हुई।
बेटे के शहीद होने की सूचना के बाद 66 वर्षीय पिता अमरजीत सिंह बेटे की शहादत पर गौरवान्वित होते हुए सरकार से शिकवा कर रहे हैं कि हर बार गरीब घरों के बच्चे ही क्यों शहीद होते है। किसी अमीर घर के बच्चे क्यों शहीद नहीं होते। सरकार सेना को जंग का आदेश दे। इससे रोज-रोज सैनिकों की बलि तो बंद होगी। वह चाहते हैं कि उनके शहीद बेटे की याद में सरकार गांव मे कोई ऐसा कार्य करें जिससे वह लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहे।
शहीद को अंतिम विदाई देते परिजन।
दुबई से पहुंचे शहीद के भाई ने कहा कि उनकी जगसीर से कई महीनों से मुलाकात नहीं हो पाई थी। दोनों में लंबी बातचीत भी कई महीने पहले हुई थी। वह तीन बहन दो भाई हैं। बहन पवनदीप कौर सबसे बड़ी है और वह ऑस्ट्रेलिया में रहती है। भाई के शहीद होने की खबर उसे मीडिया से मिली है। वह भी पौने एक बजे तक दिल्ली पहुंच गई है। सड़क मार्ग से फिरोजपुर पहुंची। बहन भी पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से अपने भाई से नहीं मिल नहीं पाई थी।
शहीद को अंतिम विदाई देते परिजन।
ग्रामीणों ने सरकार से की बदले की मांग 
गांव लोहगढ़ निवासी बूटा सिंह, सुखविंदर सिंह, करनैल सिंह व हरप्रीत सिंह ने कहा कि आए दिन पाकिस्तान सीज फायर का उल्लंघन कर गोलीबारी करता है। इससे हमारे सैनिक शहीद होते हैं। पाकिस्तान वार्ता से सुधरने वाला नहीं है। उसके लिए सेना के हाथ खोलने होंगे। सेना ही उनको माकूल जबाब देकर सबक सिखा सकती है। जब तक पाकिस्तान को करारा जवाब नहीं मिलेगा तब तक ऐसी ही हरकतें करता रहेगा। रोज-रोज की शहादत से बेहतर है कि पाकिस्तान को बार ऐसा जख्म दिया जाए कि वह सिर न उठा सके।