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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

14 साल की बच्ची को घर के बाहर कुत्ते ने 3 जगह से काटा

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रविवार को सेक्टर-9 के मकान नंबर-640 में रहने वाली 14 साल की लावन्या अपने घर से 100 मीटर की दूरी पर सेक्टर-9 की रेहड़ी मार्केट सेे चिप्स खरीदने साइकिल से गई थी। अभी घर से 50 मीटर दूरी पर पहुंची थी कि अचानक कार के नीचे से कुत्ता निकला और लावन्या की दाईं जांघ पर काट लिया। लावन्या ने बचने की कोशिश की तो कुत्ते ने उसके पैर पर काट लिया। जिसके बाद वह साइकिल से गिर गई।

फिर भी कुत्ते ने नहीं छोड़ा और दोबारा पैर पर काटा। किसी तरह लावन्या मौके पर ही साइकिल छोड़कर अपने घर की ओर चिल्लाते हुए दौड़ी। उसकी मां मोनिका ने जब बच्ची की आवाज सुनी तो वह घर से बाहर निकली। मोनिका ने बताया कि उसकी बेटी के एक पैर पर 3 जगह कुत्ते ने काटा। उन्होंने बताया बेटी की जांघ से लेकर पैर तक कुत्ते के दांत व नाखून के 15 निशान थे।

घरवाले उसे तुरंत सेक्टर-6 के जनरल अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर टेटनेस और दर्द का इंजेक्शन लगाकर जीएमसीएच-32 रेफर कर दिया। पीड़ित के पिता लखबीर सिंह ने बताया वह दोपहर पौने 3 बजे बेटी को लेकर जनरल अस्पताल उपचार के लिए ले गए। वहां उनकी बेटी को टेटनेस और दर्द का इंजेक्शन दिया गया। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया या नहीं इसके बारे में बताया तक नहीं। उसके बाद उन्होंने जीएमसीएच-32 रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं था। डॉक्टरों ने पीड़ित के पिता को पंचकूला अस्पताल जाकर इंजेक्शन लेने के लिए कहा। जिसके बाद वह अगले दिन दोपहर 1 बजे जनरल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने की जानकारी मिलने पर पीड़ित के पिता मार्केट से 4100 रुपए में इंजेक्शन खरीदकर लाए। अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही की वजह से करीब 20 घंटे के बाद लड़की को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया गया। अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही की शिकायत उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से की है।







रवीश कुमार झा | पंचकूला

रविवार को सेक्टर-9 के मकान नंबर-640 में रहने वाली 14 साल की लावन्या अपने घर से 100 मीटर की दूरी पर सेक्टर-9 की रेहड़ी मार्केट सेे चिप्स खरीदने साइकिल से गई थी। अभी घर से 50 मीटर दूरी पर पहुंची थी कि अचानक कार के नीचे से कुत्ता निकला और लावन्या की दाईं जांघ पर काट लिया। लावन्या ने बचने की कोशिश की तो कुत्ते ने उसके पैर पर काट लिया। जिसके बाद वह साइकिल से गिर गई।

फिर भी कुत्ते ने नहीं छोड़ा और दोबारा पैर पर काटा। किसी तरह लावन्या मौके पर ही साइकिल छोड़कर अपने घर की ओर चिल्लाते हुए दौड़ी। उसकी मां मोनिका ने जब बच्ची की आवाज सुनी तो वह घर से बाहर निकली। मोनिका ने बताया कि उसकी बेटी के एक पैर पर 3 जगह कुत्ते ने काटा। उन्होंने बताया बेटी की जांघ से लेकर पैर तक कुत्ते के दांत व नाखून के 15 निशान थे।

घरवाले उसे तुरंत सेक्टर-6 के जनरल अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर टेटनेस और दर्द का इंजेक्शन लगाकर जीएमसीएच-32 रेफर कर दिया। पीड़ित के पिता लखबीर सिंह ने बताया वह दोपहर पौने 3 बजे बेटी को लेकर जनरल अस्पताल उपचार के लिए ले गए। वहां उनकी बेटी को टेटनेस और दर्द का इंजेक्शन दिया गया। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया या नहीं इसके बारे में बताया तक नहीं। उसके बाद उन्होंने जीएमसीएच-32 रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं था। डॉक्टरों ने पीड़ित के पिता को पंचकूला अस्पताल जाकर इंजेक्शन लेने के लिए कहा। जिसके बाद वह अगले दिन दोपहर 1 बजे जनरल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने की जानकारी मिलने पर पीड़ित के पिता मार्केट से 4100 रुपए में इंजेक्शन खरीदकर लाए। अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही की वजह से करीब 20 घंटे के बाद लड़की को एंटी रैबीज इंजेक्शन दिया गया। अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही की शिकायत उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से की है।

सेक्टर-6 जनरल अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर की मानें तो रोज अस्पताल में 8 से 10 डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। उनमें महिलाएं, बच्चे व पुरूष शामिल हैं। ज्यादातर केस एेसे हैं जिनमें पार्क में सैर करने वाले लोग या फिर घर के सामने डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में पंचकूला जनरल अस्पताल में 1100 के करीब डॉग बाइट केस आए।