हर दिन साेनीपत से 40 हजार यात्रियाें काे सफर करवाकर अामदनी कर रहा रेलवे यहां स्टेशन पर सुरक्षित पार्किंग नहीं दे पा रहा है। हर दिन करीब 10 हजार यात्री यहां बाइक, स्कूटर व अपने अन्य निजी वाहन में पहुंचते हैं। इसका फायदा स्टेशन के अासपास निजी पार्किंग बनाकर लाेगाें ने उठाना शुरू कर दिया है। स्टेशन के पास छह निजी पार्किंग बन गई हैं। इनके अपने मनमाने रेट हैं। मजबूरी में लाेग निजी पार्किंग में या फिर शहर में जानकाराें के पास वाहन खड़ा करके अपने काम-धंधाें पर निकलते हैं। स्टेशन पर रेलवे की सुरक्षित पार्किंग नहीं हाेने से तीन माह में ही 29 बाइक व स्कूटर चाेरी हाे चुके हैं।
सोनीपत रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 62 ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें प्रतिदिन करीब 40 हजार यात्री आवागमन करते हैं। इसमें बड़ी संख्या में यात्री 10 से 15 किमी अपने स्कूटर और बाइक से स्टेशन आते हैं। इसके बाद पार्किंग में पार्क कर ड्यूटी चले जाते हैं। फ्री पार्किंग का आनंद तो सभी लेना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा की शर्त पर स्टेशन पर इन दिनों वाहन सुरक्षित नहीं होने का मामला बड़ी संख्या में यात्रियों की जानकारी में हो चुका है। जिसके कारण लोग यहां से अब खिसकने लगे हैं। निजी पार्किंग वाले दो दिन का 80 रुपए चार्ज कर रहे हैं। स्टेशन के दोनों तरफ छह स्कूटर व साइकिल स्टैंड है। जिसमें बकायदा पर्ची बनाकर घंटे अनुसार यात्रियों से पैसे लिए जाते हैं। हालांकि यहां पर वाहनों की सुरक्षा की गारंटी दी जाती है। मिसिंग की स्थिति में वह जिम्मेदारी उठाने का हवाला देते हैं। इसके बदले वाहन चालकों से मनमाने तरीके से वसूली की जा रही है। एक दिन बाइक छाेड़कर अगले दिन जाएं ताे दो दिनाें के लगाकर 80 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। पांच हजार से अधिक बाइक व स्कूटर पार्किंग की व्यवस्था निजी पार्किंग का व्यापार काफी फल-फूल रहा है। कई स्थानों पर 500 वर्ग गज से अधिक में यह कामर्शियल गतिविधि फल-फूल रही है। जिसमें करीब प्रति पार्किंग करीब ढाई से 300 बाइक और स्कूटर एक शिफ्ट में पार्क होता है। प्रति स्कूटर कोई दिनभर का 20 रुपए तो कोई 30 रुपए तक वसूल रहा है, वहीं रात के समय खड़ी करना हुआ तो प्रति रात 40 रुपए तक की वसूली की जा रही है। शिफ्ट में अगर एक भी घंटा ज्यादा हो गया तो अगले शिफ्ट का पैसा चुकाना होता है।
10 हजार यात्रियों का बाइक-कारों से होता है आवागमन
हर माह 10 बाइक हो रही चोरी
स्टेशन के पार्किंग का ठेका खत्म होने के बाद स्टेशन परिसर से 29 बाइकों के चोरी का मामला दर्ज किया गया है। प्रति महीने 10 बाइक चोरी होने का मामला सामने आ रहा है। जीआरपी का कहना है कि हर आदमी से न तो पूछा जा सकता है कि आप किसकी बाइक उठा रहे हो न ही सभी को पहचाना जा सकता है कि उसी की बाइक है। जहां तक रिकवरी का मामला है तो 50 प्रतिशत से अधिक बाइक चोरों को पकड़ा जा चुका है। बाइक चोरी रोकने का ठेका सबसे सही और उचित समाधान है।
स्थानीय स्तर पर से जो रिपोर्ट मांगी भेज दी: स्टेशन अधीक्षक
<img src=\"images/p2.png\"डिवीजन कार्यालय की देखरेख में हो रहा टेंडर स्टेशन के सामने पार्किंग का मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। स्थानीय स्तर पर जो रिपोर्ट मांगी गई थी, वह सबमिट करा दी गई है। इस बार टेंडर रेट को रिड्यूस कर लगाया गया है। डिवीजन आॅफिस के उच्च अधिकारी मामले को देख रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही टेंडर अलाॅट कर दिया जाएगा। महावीर सिंह, स्टेशन अधीक्षक
पिछली बार जिसने ठेका लिया था छोड़ दिया
ठेकेदार पिछले कुछ वर्षों में स्टेशन की पार्किंग का ठेका ठेकेदारों में कंपीटिशन के कारण बहुत ज्यादा हो गया। पिछली बार जिस ठेकेदार ने टेंडर लिया था, उसने तीन महीने में सरेंडर कर दिया। प्रति महीने करीब तीन लाख रुपए चुकाना पड़ रहा था। ठेकेदार का कहना था कि उसे प्रति महीने इसके आधे भी आय नहीं हाे रही है। जिसके कारण उसने टेंडर को सरेंडर कर दिया। अब रेलवे द्वारा जारी टेंडरों को ठेकेदार नहीं मिल रहा है। इस बार टेंडर जारी किया गया, वह पिछली दरों में संशोधन करके लगाया गया है।
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