गुरदासपुर (दीपक कालिया).पंजाब के सरकारी स्कूलों में बच्चों की कम हो रही संख्या को लेकर शिक्षा विभाग कई योजनाओं पर काम कर रहा है। मकसद आने वाले सेशन में स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाना है। सेक्रेटरी पंजाब स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार ने पत्र जारी कर कहा है कि स्कूल प्रबंधक बच्चों की संख्या बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें। दाखिले शुरू हैं, इसलिए लोगों को सरकारी स्कूलों की उपलब्धियां बताएं। सरकारी स्कूलों से पास होकर डॉक्टर, इंजीनियर, डिफेंस, सिविल सर्विसेस में तैनात स्टूडेंट्स के बारे में स्कूल के बच्चों और समाज को अवगत कराएं। इनके स्कूलों में विशेष सेशन रखवाएं और इनसे लोगों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए कहलवाएं।
सेक्रेटरी शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रभारियों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है कि वह अपने स्कूलों से पास ऐसे स्टूडेंट्स से राबता कायम उन्हें स्कूलों के वार्षिक समारोह में आमंत्रित करें जो पास आउट होकर अच्छे पोस्ट पर पहुंचे हैं। स्कूल की वेबसाइट और दफ्तर में ऐसे स्टूडेंट्स की फोटो लगाई जाए, जिससे उनकी उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया जा सके।
कई स्कूल हो चुके हैं बंद: सरकारी स्कूलों मे बच्चों की दिन प्रतिदिन कम होती संख्या को देखते हुए पंजाब सरकार ने कई स्कूल मर्ज कर दिए हैं और कई बंद कर दिए गए हैं। आगे ऐसा न हो इसलिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों से पढ़कर अच्छी पदों पर पहुंचे पूर्व छात्रों को स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने के लिए बुलाया जा रहा है।
सरकारी स्कूल प्राइवेट से कम नहीं :
सरकारी स्कूल व कॉलेज में पढ़कर डॉक्टर बने डॉ. लोकेश गुप्ता व डॉ.अरविंद महाजन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में भी अच्छी पढ़ाई होती है। लोग सिर्फ भेड़चाल के पीछे ही प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ढूंढ रहे हैं। सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूलों से कम नहीं हैं। फर्क हमारी सोच का है।
नकल रोकने के भी प्रयास:
सरकार नकल रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत 2017-18 में बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों दूसरे स्कूलों में बदल दिया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today