लंदन. खगोल विज्ञानियों ने सूर्य के पास एकल तारे के चक्कर लगा रहे एक नए ग्रह का पता लगाया है। इसे ‘सुपर अर्थ’ कहे जाने वाले इस ग्रह को ‘बर्नाड्स स्टार बी’ नाम दिया गया है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह की मदद से पृथ्वी के करीबी पड़ोसी ग्रहों के बारे में काफी जानकारी मिल सकती है। ब्रिटेन के क्वीन मैरी लंदन यूनिवर्सिटी के खगोल वैज्ञानिकों की मानें तो चट्टानों वाला यह ग्रह धरती से भी काफी बड़ा है।
233 दिन में लगा रहा चक्कर
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह सुपर अर्थ अपने मेजबान तारे का एक चक्कर 233 दिनों में लगाता है। विज्ञान पत्रिका जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, यह ग्रह अपने मेजबान तारे से काफी दूर है। इस दूरी को ‘स्नो लाइन’ कहा जा रहा है। इस दूरी पर पानी, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी चीजें ठंड की वजह से जम जाती हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस ग्रह की स्थिति पर्यावास क्षेत्र से काफी अलग है। पर्यावास क्षेत्र में पानी और संभवत: जीवन का अस्तित्व होता है। उन्होंने बताया कि इस ग्रह की सतह का तापमान शून्य से करीब 170 डिग्री सेल्सियस कम है। इसका मतलब है कि यह ऐसी जमी हुई दुनिया है, जहां धरती की तरह जीवन के लिए अनुकूल दशाएं नहीं हैं।
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