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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

वेंटिलेटर नहीं मिला, इसलिए मासूम को 7 दिन से अंबूबैग से ऑक्सीजन दे रहे परिजन

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नई दिल्ली.दिल्ली के सबसे बड़े लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के वॉर्ड में एक महीने से ढाई साल का मासूम फरहान जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। ईस्ट दिल्ली के खजूरी में रहने वाले अशफाक ने अपने बेटे फरहान को 24 दिसंबर की रात बेहोशी की हालत में यहां एडमिट कराया था। कुछ दिन वह इमरजेंसी वॉर्ड में रहा, लेकिन 7 दिन पहले उसे जनरल वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

इलाज करने वाले डॉक्टर कहते हैं कि फरहान को वेंटिलेटर की जरूरत है पर कोई वेंटिलेटर खाली नहीं है, इसलिए अशफाक के हाथ में अंबू बैग थमा दिया गया। साथ ही परिजनों को सलाह दी कि इसे दबाते रहो, बच्चे को सांस मिलती रहेगी।

7 दिन से लगातार अंबू बैग का इस्तेमाल: अंबूबैग के सहारे परिजन लगातार 7 दिन से फरहान को ऑक्सीजन दे रहे हैं। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. किशोर सिंह के मुताबिक, फरहान ब्रेन डेड हो चुका है। उसके जीने की उम्मीद ही नहीं है। वेंटिलेटर उन्हें दिया जाता है, जिनके बचने की कोई उम्मीद हो। हालांकि आंखों में आंसू लिए अशफाक काे उम्मीद है कि फरहान जल्द खड़ा हो जाएगा।

हाईकोर्ट का आदेश-बच्चे को फौरन वेंटिलेटर उपलब्ध कराया जाए :फरहान की नाजुक हालत को देख सोशल एक्टिविस्ट अशोक अग्रवाल ने दिल्ली हाईकाेर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने इस पर फौरन सुनवाई करते हुए बुधवार को आदेश दिया कि फरहान को तत्काल वेंटिलेटर उपलब्ध कराया जाए। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद देर रात तक बच्चे काे वेंटिलेटर नहीं मिल सका।

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फरहान को अंबूबैग से ऑक्सीजन देते परिजन