हरियाणा.प्रदेश में परिवहन विभाग ने रोडवेज ड्राइवरों का ओवरटाइम खत्म कर दिया है। विभाग ने आदेश तो दे दिए, लेकिन ऐसे में बसें कैसे चलेंगे, इसकी प्लानिंग नहीं की गई। जिलों में डिपो पर बैठे अधिकारी ड्राइवरों का रोटेशन प्लान सही तरीके से नहीं बना पा रहे हैं।
ड्राइवर डिपो से बस लंबे रूट के लिए लेकर निकल जाते हैं, लेकिन जहां उनका समय पूरा होता है वहीं के नजदीकी डिपो पर सवारियों को उतार देते हैं। अधिकारियों ने भी लंबे रूटों की बसों को कम करके छोटे रूटों पर चला दिया है। इसके चलते यात्रियों को बीच में दूसरी बस बदलनी पड़ रही है। कई जगह बस बदलने के लिए उन्हें दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है, लेकिन न तो यूनियन और न ही विभाग इस तरफ ध्यान दे रहा है।
सही प्लानिंग न होने से हुई दिक्कत : विभाग ने आदेश दिए कि ड्राइवरों का ओवरटाइम बंद किया जाए, अधिकारियों ने लंबे रूटों की बसें बंद करके उन्हें छोटे रूटों पर चला दिया। इससे ड्राइवर 8 घंटे में बस को लेकर वापस आ सके। इस प्लानिंग के कारण एक ड्राइवर मुश्किल से 100 किलोमीटर तक बस का चक्र लगा पा रहा है और लंबे रूट प्रभावित हैं, जबकि विभाग ने आदेश दिए कि यदि कोई चालक व परिचालक तय रोटेशन पर 1 दिन में 10 घंटे की ड्यूटी करता है तो अतिरिक्त 2 घंटे की ड्यूटी सप्ताह के आने वाले दिनों में समायोजित की जाएगी। परन्तु प्रत्येक सप्ताह में चालकों व परिचालकों की ड्यूटी अवधि 48 घंटे सुनिश्चित की जाएगी। 48 घंटे के बाद चालक व परिचालक को साप्ताहिक अवकाश के अतिरिक्त कार्य के लिए रेस्ट भी दिया जाएगा।
कहां क्या आ रही परेशानी :
- भिवानी में ओवरटाइम के चक्कर में उलझे 14 रूट, मथुरा, चंडीगढ़ व अजमेर व सीकर जाने वाली बसें रास्ते से ही लौट आईं।
- चरखी दादरी में नई व्यवस्था बनाने के चक्कर में लंबे रूटों की 10 और लोकल पर 19 फेरे मिस हुए।
- अम्बाला कैंट से दिल्ली वाली 25 बसें सिर्फ पानीपत तक ही जा रही हैं। इनमें से सिर्फ 5 बसें ही दिल्ली जा रही हैं। बैजनाथ,कुल्लू, मनाली व शिमला की तरफ जाने वाली बसें भी बीच रास्ते रुक कर दो दिन में रूट पूरा कर रही हैं। यात्रियों को बीच रास्ते उतरकर दूसरी बसों में सफर करना पड़ रहा है। लगभग 30 बसें रोडवेज डिपो में खड़ी रही।
- सोनीपत से कटरा ड्राइव गाड़ी तीन दिन में लेकर आता जाता है। इसके बाद उसे तीन दिन का रेस्ट दे दिया जा रहा है। वह बस डिपो में तीन दिन खड़ी रहती है।
- कुरुक्षेत्र से शिमला कुरुक्षेत्र सर्विस और दिल्ली चंडीगढ़, चंडीगढ़ से दिल्ली की सर्विस बंद है। ऐसे ही जालंधर व मनाली रूट की सर्विस बंद है। शिमला व मनाली जैसे लंबे रूट पर कर्मचारी आठ घंटे में चक्कर ही नहीं लगा सकते।
- रोहतक से मंगलवार को 190 में से 30 बसें संचालित की गईं। ड्राइवर रोहतक से जींद, झज्जर, हिसार, पानीपत, गोहाना, फतेहाबाद आदि रूट पर तीन से चार फेरे लगाकर आठ घंटे की ड्यूटी पूरी कर लौट आए। यात्रियों को दो-दो घंटे तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। सोमवार को बसों ने औसतन 56 हजार किमी का सफर तय किया, जो सामान्य दिनों की अपेक्षा 20 हजार किमी कम है। ऐसे में रोहतक रोडवेज को पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ।
- कैथल से देहरादून, हरिद्वार, गुडग़ांव, जयपुर, जम्मू -कटड़ा के सीधे लोंग रूट बंद हो गए हैं। कुरुक्षेत्र और करनाल के भी फेरे 6 की जगह 4 हुए। दिल्ली जाने वाली बसें पानीपत से वापस लौटती हैं।
इसलिए खत्म किया ओवरटाइम :
राज्य परिवहन द्वारा अपने वर्तमान उपलब्ध बेड़े से प्रतिदिन औसतन 12 लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा दी जाती है। 24 डिपो द्वारा संचालित हरियाणा रोडवेज की बसों से प्रतिदिन लगभग 12.50 लाख किलोमीटर की दूरी तय होती है। विभाग की ओवरटाइम नीति पहली फरवरी, 2002 में दिए गए प्रावधान अनुसार चालकों व परिचालकों को प्रति सप्ताह 1200 किलोमीटर से अधिक तय किलोमीटर और 48 घंटे प्रति सप्ताह के आधार पर कार्य करने पर अतिरिक्त कार्य घंटों के लिए ओवरटाइम की अदायगी की जाती है। वर्तमान में विभाग द्वारा ओवरटाइम के मद में लगभग 130 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च किया जा रहा है।
खाली पदों पर जल्द भर्ती करे सरकार :
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि यह केवल मुद्दों से ध्यान भटकाने का असफल प्रयास है। इस फैसले से केवल जनता को यात्रा करने में असुविधा आएगी, क्योंकि लंबे रूटों पर यात्रियों पर अलग-अलग बसें बदलनी पड़ेगी। परिवहन विभाग में चालक व परिचालकों समेत कर्मशाला में हजारों पद रिक्त पड़े हैं। उन्हें नियमानुसार स्थाई भर्ती करके शीघ्र भरना चाहिए।
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