Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

मरने से पहले दुजाना बोला- ‘मुबारक हो आपने मुझे पकड़ लिया है, लेकिन नहीं करूंगा सरेंडर’

0
323
श्रीनगर। बुधवार को पुलवामा में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए लश्कर कंमाडर अबु दुजाना को सेना के अधिकारियों ने पहले आत्मसमर्पण करने को कहा था, लेकिन उसने ऐसा करने से इन्कार कर दिया था। दुजाना ने सेना के अधिकारियों को यह भी कहा कि वह अपने पीछे गिलगित-बाल्टिस्तान में अपने माता-पिता को जिहाद के लिए छोड़कर जा रहा है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने एक कश्मीरी नागरिक के माध्यम से अबु दुजाना से बात करने की कोशिश की थी। इस बातचीत में दुजाना सेना के अधिकारी से एकदम शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर रहा है। जब कश्मीरी नागरिक ने दुजाना से बातचीत शुरू की तो कश्मीरी ने फोन सेना के अधिकारी को दे दिया।
दुजाना ने अधिकारी से पूछा, ‘क्या हाल है?’ मैंने कहा, ‘क्या हाल है?’ इसके बाद आर्मी ऑफिसर ने दुजाना से कहा, ‘हमारा हाल छोड़ दुजाना, तू सरेंडर क्यों नहीं कर देता। तुमने इस लड़की से शादी की है और तू जो इसके साथ कर रहा है वह ठीक नहीं है।’
इस बातचीत में सेना का अधिकारी दुजाना से यह कहता है कि उसे (दुजाना को) पाकिस्तानी एजेंसियां इस्तेमाल कर रही हैं और वह निर्दोष कश्मीरियों के लिए परेशानी का पर्याय बन चुका है, लेकिन इसका दुजाना पर कोई असर नहीं हुआ। दुजाना ने कहा, ‘हम निकले थे शहीद होने, मैं क्या करूं। जिसको गेम खेलना है खेले, कभी हम आगे, कभी आप। आज आपने पकड़ लिया, मुबारक हो आपको। जिसको जो करना है कर लो।’ उसने आगे आर्मी ऑफिसर से कहा, ‘मैं सरेंडर नहीं कर सकता। जो मेरी किस्मत में लिखा है वही होगा। अल्लाह वही करेगा, ठीक है?’
ऑर्मी ऑफिसर ने दुजाना से कहा कि कम से कम अपने मां-बाप के बारे में तो सोचे लेकिन इस बात का उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने ऑफिसर से कहा, ‘मां-बाप तो उस दिन मर गए जिस दिन मैं उनको छोड़कर आया।’ अधिकारी ने बताया कि कोई भी आतंकी हो सेना आतंकियों को जान से मारना नहीं चाहती। ऑफिसर ने दुजाना से कहा, ‘अल्लाह सबके लिए एक जैसा है।’ जिसके जवाब में उसने सेना अधिकारी से कहा, ‘अगर अल्लाह मेरे और तुम्हारे लिए एक जैसा है तो आओ, घर के भीतर मुझसे मिलो।’
इस बातचीत में ऑर्मी ऑफिसर ने दुजाना से आग्रह करते हुए कहा कि कश्मीरियों को बचाओ और उन्हें आतंक के लिए इस्तेमाल मत करो लेकिन दुजाना ने एकदम से बातचीत बंद कर दी। इसके बाद भी आत्मसमर्पण के लिए अंतिम प्रयास किया गया लेकिन दुजाना ने कोई जवाब नहीं दिया और अंत में सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया।