Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में नशों से सम्बन्धित मौतों की जांच के आदेश

0
313
चंडीगढ़, 3 जुलाई: पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा नशे के तस्करों को मौत की सजा दिए जाने संबंधी केंद्र सरकार को सिफ़ारिश किये जाने के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हाल ही में नशे से हुई मौतों की जांच के आदेश दिए हैं जिसके बाद दोषियों के विरुद्ध उनके राजनैतिक संबंध का बिना लिहाज़ किये कड़ी कार्यवाही की जायेगी ।
नशों के प्रयोग को एक बीमारी बताते हुए और इसके इलाज की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने नशे के पीडि़तों के पुर्नवास की ज़रूरत पर ज़ोर देने के साथ-साथ नशे के विरुद्ध लोक लहर शुरू किये जाने की मुहिम पर ज़ोर दिया है । जागरूकता पैदा किये जाने और कार्यवाही किये जाने में अंतर होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता किसी एक एजेंसी द्वारा पैदा नहीं की जा सकती । इस संबंधी लोगों की सहभागिता से सामूहिक कोशिशों की ज़रूरत है ।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप के साथ विचार विमर्श के दौरान उपरोक्त विचार प्रकट किए। यह ग्रुप आज नशे की समस्या संबंधी विचार विमर्श करने के लिए उनके सरकारी आवास पर आया था । इन कार्यकर्ताओं में एक पूर्व पीडि़त भी शामिल था । इन्होंने हाल ही में इस समस्या संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया में ‘‘नशों के विरुद्ध काला सप्ताह’’ मुहिम शुरू की है। इस ग्रुप में डॉक्टर भूपिंदर सिंह, हाकम सिंह, बलजीत पन्नू और बलजिन्दर सिंह (मिंटू) शामिल थे । मिंटू स्वयं किसी समय नशे से पीडि़त था। उन्हेंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार द्वारा उठाए कड़े कदमों का स्वागत किया । उन्होंने कहा कि इससे लोगों के स्वभाव और इस मुद्दे संबंधी धारणा में स्पष्ट तबदीली आई है ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वह नशे के विरुद्ध जंग की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए हर सोमवार तीन बजे मीटिंग किया करेंगे।
इन कार्यकर्ताओं ने इस सम्बन्ध में अकालियों पर दोष लगाए जिन्होंने नौजवानों की ऊर्जा को सही तरफ़ लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया । उन्होंने कहा कि पिछली अकाली सरकार ने खेल और अन्य गतिविधियों में फंडों को घटा दिया जिससे इन नौजवानों को व्यस्तता में रखा जा सकता था और उसने इन नौजवानों को नशों की ओर जाने के लिए खुला छोड़ दिया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नशों के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए इन कार्यकर्ताओं को हर सहयोग देने का वादा किया । उन्होंने सरकार की तरफ से पहले ही शुरू किये ऐंटी ड्रग अब्यूज़ प्रीवैंशन ऑफिसर्ज प्रोग्राम के साथ तालमेल के द्वारा गाँवों में रैलियाँ और मोमबत्ती मार्च करने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिशनर और एस.एस.पीज़. इनमें भाग लेंगे।
उनको समय दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कार्यकर्ताओं ने हरेक गाँव में नशे के आदियों की पहचान करने के लिए 10-15 नौजवान आधारित कमेटीयां बनाने का सुझाव दिया । उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि निजी अस्पतालों को नशे के आदियों को इलाज मुहैया करवाने के लिए कहा जाये । इसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा को नशे के आदियों के लिए कुछ बैड आरक्षित रखने के लिए निजी अस्पतालों के साथ बातचीत करने के लिए कहा।
 उन्हेंने नशे के डीलरों और पुलिस मुलाजिमों खासकर एस.आई. और ए.एस.आई. स्तर के मुलाजिमों में ‘‘नज़दीकी गठजोड़’’ होने पर चिंता प्रकट की । उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस मुलाजिमों की पहचान बताने से लोग डरते हैं । उन्होंने लोगों में ठोस विश्वास पैदा करने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए अपील की ।
कार्यकर्ताओंं ने भुक्की और अफ़ीम जैसे परंपरागत नशों में ढील दिए जाने के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया । इसके साथ ही उन्होंने सभी नशे के आदियों की डॉक्टरी जांच का भी सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि नशों के आदियों के लिए एक हेल्पलाइन तैयार की जाये । उन्होंने महिलाओं को नशों से दूर रखने में मदद मुहैया करवाने के लिए एस.टी.एफ. में एक महिला अफ़सर तैनात किये जाने का भी सुझाव दिया ।
नशों को त्यागने वाले मिंटू ने बताया कि उसने खुद नशे की आदत डाल ली थी और वह इनके एवज़ में अन्य चीजों की मदद से नशे से बाहर निकला।
इस अवसर पर उपस्थित अन्यों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिंद्रा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह उपस्थित थे ।