अपने बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा जीएसटी अनुपालन में सरलीकरण के लिए दिए गए आश्वासन पर राष्ट्र शीर्ष व्यापार मंडल, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यपार मंडल (फैम) ने धन्यवाद दिया है। फैम के अनुसार माननीया वित्त मंत्री जी ने जीएसटी सरलीकरण हेतु फैम द्वारा निरंतर दिए जा रहे सुझावों के संज्ञान में लिया है। वित्त मंत्री को भेजे गए अपने पत्र में, फैम ने भी उन्हें विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों पर 5% एक्वालिसशन लेवी लगाने पर भी धन्यवाद दिया यधपि फैम 5% की दर से एक्वालिसशन लेवी की मांग करता रहा है।
फैम के राष्ट्रीय महासचिव श्री वी के बंसल ने बताया कि 42 महीने की अपनी यात्रा में जीएसटी में कानून और नियमों में कई बदलाव आये हैं। छोटे और मध्यम व्यापारियों को होने वाली सभी व्यावहारिक कठिनाइयों ने पूरी तरह से जीएसटी पर फिर से विचार करने का पर्याप्त कारण दिया है। भारत के 15 वें वित्त आयोग द्वारा भी अपनी हालिया टिप्पणी में एसटी के पुनर्गठन के लिए जोर दिया गया है। व्यापारी वर्ग जीएसटी के कड़े एवं अव्यवहारिक अनुपालन से त्रस्त है।
फैम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयेंद्र तन्ना ने कहा कि छोटे छोटे खुदरा व्यापारियों द्वारा जीएसटी में हाल ही में किये गए परिवर्तन एक बहुत बड़ी मुसीबत का कारण बन गए है। हम हमेशा मानते हैं कि करों का सरलीकरण ही बेहतर अनुपालन कराता है। अब जब सरकार स्वयं ही सरलीकरण की बात कर रही है व्यापारी वर्ग आश्वस्त है कि फैम द्वारा दिए गए विभिन्न प्रस्तावों पर सरकार अवश्य विचार कर लागु करेंगी।
श्री वी के बंसल ने कहा कि उनका संगठन भारत में एक ऐसा अकेला संगठन है जो शुरू से ही जीएसटी के सुधार के लिए जोर दे रहा है। हम केवल संगठन हैं जिन्होंने एकल बिंदु जीएसटी का सुझाव दिया है जो कि कर चोरी पर अंकुश लगते हुए एक स्मार्ट और सिंपल कर प्रणाली है। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि व्यापारी कभी भी उस प्रकार के हातखण्डे नहीं अपनाते जो अन्य वर्ग अपनी बात बनवाने के लिए अपनाते है । हम कभी भी किसी सड़क पर प्रदर्शन या भारत बंद आदि का आह्वान नहीं करते हैं। हमारा संगठन कभी भी टकराव का रास्ता नहीं अपनाता है, बल्कि हम बातचीत और चर्चा में विश्वास करते हैं। इसीलिए हमने जीएसटी पर सरलीकरण पर अपना सुझाव देने के लिए वित्त मंत्री से बैठक की मांग की।
श्री तन्ना जी ने बताया कि जिस प्रकार कम्पनीज एक्ट में छोटी कंपनी एवं बड़ी कंपनियों के अनुपालन में भिन्नता है , सरकार को भी जीएसटी में छोटे एवं माध्यम व्यापारियों पर एक बहुत सरल सी जीएसटी प्रणाली लगानी चाहिए जिससे छोटा व्यापारी बिना किसी पेशेवर के अपना जीएसटी अनुपालन स्वयं कर सके।