बीजिंग. नए साल से चीन की टैक्स कलेक्शन अथॉरिटी ने नया नियम बनाया है। इस नियम के तहत ऐसा कोई भी बिजनेसमैन, कंपनी या व्यक्ति जिस पर किसी भी तरह का टैक्स बकाया हो, वह देश छोड़कर नहीं जा सकेगा।
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नए नियम के दायरे में शुरुआत में ऐसे कारोबारी, कंपनियां और नौकरीपेशा लोग आएंगे, जिन पर 1 लाख युआन (10.26 लाख भारतीय रुपये) का टैक्स बाकी है। ऐसे बकायदारों की सभी जानकारी मसलन आई कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और पासपोर्ट डिटेल्स को टैक्स अथॉरिटी अपने ब्लैकलिस्ट डेटाबेस में डाल देगी।
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इस डेटाबेस को पुलिस, बैंक, इमिग्रेशन, पासपोर्ट, एयपोर्ट और सी-पोर्ट जैसे विभागों के साथ भी साझा किया जाएगा। ये सभी विभाग इन बकायदारों पर नजर रखेंगे। ऐसे लोगों को देश छोड़ने की इजाजत भी नहीं होगी।
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नए कानून के तहत अगर कोई विदेशी नागरिक अपने कारोबार या फिर नौकरी के सिलसिले में चीन में 183 दिन से ज्यादा ठहरता है तो वो उसकी पूरी कमाई टैक्स के दायरे में होगी। हालांकि इस प्रावधान पर अमेरिका और हॉन्गकॉन्ग ने विरोध जताया है। इनके अलावा विदेश में नौकरी कर रहे चीनी नागरिकों को भी चीन में इनकम टैक्स देना होगा।
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चीन की आबादी 138 करोड़ है। इनमें से 2.8 करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं। अब टैक्स डिपार्टमेंट सरकारी आय बढ़ाने के लिए टैक्स दरें बढ़ाने की बजाय टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर ज्यादा जोर दे रहा है।