चंडीगढ़.हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) ज्युडीशियल ब्रांच के पेपर लीक मामले में आरोपी हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार रिक्रूटमेंट जज डॉ. बलविंदर कुमार शर्मा समेत कुल चार आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली।
बलविंदर के अलावा जनरल कैटेगरी से टॉपर सुनीता, रिजर्व कैटेगरी से टॉपर सुशीला और सुनील कुमार उर्फ टीटू की जमानत याचिका स्वीकार की गई है। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता, जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस अरुण पल्ली की बेंच ने सशर्त जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि बलविंदर हाईकोर्ट के आॅफिसर रहे हैं। इसलिए वे रिक्रूटमेंट सेल के किसी स्टाफ मेंबर से संपर्क करने का प्रयास नहीं करेंगे।
हाईकोर्ट ने साथ ही जांच को प्रभावित करने या मामले से जुड़े किसी गवाह को प्रभावित न करने के भी निर्देश दिए। कहा कि सभी आरोपी कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। इसके लिए एक हफ्ते में जांच अधिकारी के समक्ष सभी आरोपी अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। इस दौरान ट्रायल कोर्ट में सुनवाई और जांच में सहयोग करना होगा और निर्देशों की अनदेखी करने पर जांच एजेंसी को छूट रहेगी कि वे जमानत खारिज करने का आग्रह कर सकें। आगे कोर्ट इस पर विचार करेगा कि अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाना होगा या नहीं। मामले पर 14 नवंबर के लिए आगे सुनवाई तय की गई है।
कहा- एजेंसी के पास कोई सबूत ही नहीं :याचियों की तरफ से जमानत का लाभ दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि जांच एजेंसी के पास कोई सबूत नहीं, जिससे पेपर लीक का आरोप साबित होता हो। जानबूझकर जांच में देरी की जा रही है। एसआईटी की तरफ से कहा गया कि आरोप गंभीर हैं और हाईकोर्ट के आॅफिसर पर लगे आरोपों से संस्थान की छवि को ठेस पहुंची है। जमानत याचिका खारिज की जाए।
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