पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन के पहले घंटे में टिम पेन और पैट कमिंस ने जब ऑस्ट्रेलिया को 300 रन के पार पहुंचाया तो लगा कि टीम इंडिया ने नई गेंद से मिले मौके को गंवा दिया, क्योंकि पिछले कुछ मैच में निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारतीय टीम को काफी परेशान किया है। हालांकि, इस बार लियोन, स्टार्क, हेजलवुड और कमिंस ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए।
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भारतीय गेंदबाजी पर संदेह करने के दो कारण हैं। पहला टीम इंडिया को विरोधी टीम के निचले बल्लेबाजों ने कई बार परेशान किया है। यह कई साल से होता रहा है। दूसरा गेंदबाजों का अहम मौके पर असफल होना। खासकर तेज गेंदबाज का।
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हालांकि, मौजूदा समय में हमारे गेंदबाजों ने देश में ही नहीं देश के बाहर भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल भारतीय टीम ने अब तक 12 टेस्ट (एडिलेड मैच तक) खेले हैं। इसमें छह मैच में जीत मिली है। यह अच्छी गेंदबाजी के बिना मुमकिन नहीं है।
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देश के बाहर खेले नौ मैचों में हमें छह मैच में हार मिली है। हालांकि, हमारी गेंदबाजी बेहतरीन रही है। टीम ने नौ में से सात मैचों में विरोधी टीम को दो बार आउट भी किया है। दक्षिण अफ्रीका में खेले गए तीन मैच में हमारे गेंदबाजों ने 60 विकेट झटके।
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एडिलेड में खेले गए मौजूदा सीरीज के पहले टेस्ट में गेंदबाजों ने 20 विकेट झटके। इंग्लैंड में भले ही हमें सीरीज में 1-4 से हार मिली हो, लेकिन गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 100 में से 85 विकेट झटके। ओवरऑल देखें तो इस साल हमारे गेंदबाजों ने 240 में से 225 विकेट टेस्ट में झटके हैं।
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यह बेहद शानदार स्ट्राइक रेट है। ये और भी बेहतरीन है कि इसमें तेज गेंदबाजों ने 184 विकेट झटके। पिछले तीन-चार साल पहले यह सोचना नामुमकिन था। अब ऑस्ट्रेलिया में भी उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है।
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पर्थ टेस्ट से पहले मोहम्मद शमी ने 2018 में सबसे ज्यादा 38 विकेट झटके हैं। जसप्रीत बुमराह ने 34, इशांत शर्मा ने 33, उमेश यादव ने 18, हार्दिक पंड्या ने 13 और भुवनेश्वर कुमार ने 10 विकेट झटके हैं। तीन तेज गेंदबाज इशांत, शमी और बुमराह हमारे मुख्य गेंदबाज हैं।
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बुमराह ने इस साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। वे आज दुनिया के बड़े गेंदबाजों में से एक हैं। उनका अजीब एक्शन, शानदार कंट्रोल और विकेट के दोनों ओर स्विंग करना उनकी खूबी है।
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आज टीम इंडिया के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास मौजूदा समय में 6-7 अच्छे तेज गेंदबाज हैं। कपिल देव देश के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज थे। लेकिन देश के बाहर बेहद कम मौकों पर उन्हें दूसरे गेंदबाजों का सहयोग मिला।
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इस साल भारतीय टीम को गेंदबाजों ने अधिक जीत दिलाई है। मौजूदा सीरीज में हमारे गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अगर इस मैच में बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया तो वे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय जोड़ेंगे।