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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

गिफ्ट पाने के लिए कबड्डी से जुड़े अनूप, अपनी कप्तानी में देश को वर्ल्ड चैम्पियन बनाया

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खेल डेस्क. अनूप कुमार भारतीय कबड्‌डी में “बोनस के बादशाह’ कहे जाते हैं। वे कबड्‌डी में हैंड टच और टो टच के मास्टर कहे जाते हैं। ये उनके खेल के दो प्रमुख स्किल हैं। इन्हीं के जरिए वे बोनस अंक हासिल कर टीम को हार से बचाते हैं। जब भी अनूप रेड करने जाते हैं तो यकीन मानिए 8 में से 5 बार तो बोनस अंक लेकर ही लौटते हैं। शानदार कप्तानी, स्पोर्ट्समैनशिप के कारण उन्हें टीम साथियों ने “कैप्टन कूल’ की संज्ञा दी है। अब अनूप कबड्‌डी के मैट पर नहीं दिखाई देंगे। उन्होंने पिछले दिनों अपने 15 साल के करियर से संन्यास ले लिया है। वे प्रो कबड्‌डी लीग में भी नहीं खेलेंगे।

अनूप का जन्म 20 नवंबर 1983 में हरियाणा के पलड़ा नामक गांव में हुआ था। वह परिवार में सबसे छोटे हैं। उनके पिता भारतीय सेना में सूबेदार मेजर थे। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में कबड्डी को सिर्फ शौकिया तौर पर खेलना शुरू किया था। उन्हें तो खरगोश पकड़ना और गाड़ियों से बल्ब निकालने में बहुत मजा आता। लेकिन जब उन्होंने पास के गांव के दोस्तों को कबड्‌डी मैच जीतने के बाद टॉवेल, प्लेट्स, टी-शर्ट्स जैसे गिफ्ट्स मिलते देखा, तो उनकी रुचि इस खेल में बढ़ने लगी।

17 साल की उम्र से कबड्डी को गंभीरता से लिया
उन्होंने 17 साल की उम्र में कबड्‌डी को गंभीरता लेना शुरू किया। जब वे दिल्ली में एक टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे थे, तो सीआरपीएफ की कबड्‌डी टीम के कोच अमरसिंह यादव की नजर उन पर पड़ी। अमरसिंह ने उनकी प्रतिभा एक नजर में पहचान ली थी। इस बीच अनूप सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल बन गए और सीआरपीएफ की टीम से खेलने लगे।

साउथ एशियन गेम्स से कीइंटरनेशनल करियर शुरुआत
अनूप ने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत 2006 में श्रीलंका में साउथ एशियन गेम्स से की थी। इसके बाद से वे लगातार भारतीय टीम के सदस्य रहे। वे 2010 और 2014 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम में थे। वे 2014 में टीम के कप्तान थे। उनकी कप्तानी में भारत ने 2016 में वर्ल्ड कप भी जीता था। यह भारत का लगातार तीसरा वर्ल्ड कप था।

प्रो कबड्डी के पहले सीजन में यू मुंबा से खेले
अनूप प्रो कबड्‌डी लीग के पहले सीजन में यू मुंबा से जुड़े। उनकी कप्तानी में यू मुंबा फाइनल तक पहुंची। उन्होंने पहले सीजन में 155 रेड अंक बनाए। वे टूर्नामेंट के मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर चुने गए थे। उन्होंने 2015 में यू मुंबा को प्रो कबड्‌डी लीग का चैंपियन बनाया। अगले सीजन में टीम फिर फाइनल में पहुंची। वे 2017 तक यू मुंबा से खेले। वे लीग में 400 रेड अंक बनाने वाले पहले खिलाड़ी थे।

2012 में अनूप को मिला अर्जुन अवॉर्ड
2018 में लीग के छठे सीजन के लिए जयपुर पिंक पैंथर्स ने उन्हें अपने साथ जोड़ा। उन्होंने लीग के छह सीजन में 596 रेड अंक बनाए। 35 साल के अनूप को 2012 में अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। वे हरियाणा पुलिस में डीसीपी हैं। अनूप एयर इंडिया और सीआरपीएफ में काम कर चुके हैं। अनूप अपनी फिटनेस को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि- वे सिर्फ घर का बना खाना खाते हैं। दूध, दही, मक्खन और बादाम उनकी डाइट का हिस्सा है। उन्होंने कभी सप्लीमेंट्स नहीं लिए।

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