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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

कोहली ने बताई स्ट्रगल की कहानी, कहा- पहली बार स्टेट टीम के लिए रिजेक्ट कर दिया था, रातभर रोया और काफी परेशान रहा

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  • विराट कोहली ने 2006 में घरेलू टीम दिल्ली और 2008 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था
  • भारतीय कप्तान कोहली ने अपनी कप्तानी में 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप भी जिताया था

दैनिक भास्कर

Apr 22, 2020, 09:36 AM IST

नई दिल्ली. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली का नाम आज दिग्गज क्रिकटरों में शुमार है। लेकिन, एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा था। ‘अनअकैडेमी’ ऑनलाइन क्लास में कोहली और उनकी पत्नी बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की। कोहली ने बताया कि एक बार स्टेट टीम में उनका चयन नहीं हुआ था। इसको लेकर वे काफी परेशान थे और रातभर रोते रहे थे। कोहली ने अपनी कप्तानी में भारत को 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप भी जिताया था। उन्होंने 86 टेस्ट में 7240, 248 वनडे में 11867 और 82 टी-20 में 2794 रन बनाए हैं।

कोहली ने कहा, ‘‘पहली बार में मुझे स्टेट टीम में सेलेक्शन के दौरान रिजेक्ट कर दिया गया था। मुझे याद, तब मैं रातभर रोता रहा था। मैं काफी निराश और मुझे रोते हुए रात को करीब 3 बज गए थे। मुझे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं रिजेक्ट हो गया हूं।’’ कोहली ने 2006 में घरेलू टीम दिल्ली से डेब्यू किया था। इसके 2 साल बाद उन्हें टीम इंडिया में जगह मिली। पहला मैच उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ वनडे खेला था। 

‘अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम में सेलेक्शन नहीं हुआ था’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैंने सभी मैचों में अच्छा स्कोर किया था। सबकुछ अच्छा ही रहा था। लोग मेरे प्रदर्शन से खुश भी थे। मैंने हर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद मैं रिजेक्ट हो गया। मैंने अपने कोच से इस बारे में 2 घंटे बात की थी। मुझे अब तक उस बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। मेरा मानना है कि जहां धैर्य और प्रतिबद्धता होती है, वहां प्रेरणा अपने आप आती है और सफलता मिलती है।’’

‘महामारी के कारण हम अब ज्यादा उदार हो गए हैं’
भारतीय कप्तान ने कोरोना महामारी को लेकर बात करते हुए इसका एक पॉजिटिव पहलू भी बताया। कोहली ने कहा, ‘‘इस संकट का एक पॉजिटिव हिस्सा यह है कि हम सभी समाज के तौर पर ज्यादा उदार हो गए हैं। जितने भी योद्धा पुलिसकर्मी, डॉक्टर या नर्सें कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं, हम उनके प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। उम्मीद है कि संकट से उबरने के बाद भी यह जज्बा कायम रहेगा। जीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जिससे खुशी मिले, वही करो और हर समय तुलना नहीं करते रहना चाहिए। इस महामारी के बाद जिंदगी में काफी परिवर्तन आने वाला है।’’