चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी के विधायक एडवोकेट एचएस फूलका ने पंजाब विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ईमेल से विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा है। वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में प्रदेश सरकार की ओर से कार्रवाई न किए जाने से नाराज थे। फूलका ने इस्तीफा देने का ऐलान डेढ़ माह पहले किया था। फूलका ने कहा कि वह शुक्रवार को अपने इस्तीफे के संबंध में नई दिल्ली में चुनाव आयोग में भी जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक,फूलका गुरुवार कोदिल्ली गए थे। वहां उनकी मुलाकात पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से हुई। मुलाकात के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है। जहां तक नाराजगी के कारण की बात है, वह बरगाड़ी बेअदबी प्रकरण और बहबल कलां गोली कांड में कार्रवाई नहीं होने के चलते प्रदेश की सरकार से नाराज हैं।फूलका का कहना है कि उन्होंने सरकार को बेअदबी के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूरा समय दिया, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।
यह है बरगाड़ी का मामला:बात अब से ठीक तीन साल पहले12 अक्टूबर 2015 की है, जब फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया था। असल में गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने फटे हुए मिले थे, जिसके चलते सिख संगठनों व संगत ने कोटकपूरा व बरगाड़ी से सटे गांव बहबल कलां में धरना दिया था। इसी धरने के दौरान 14 अक्टूबर 2015 को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में गांव नियामीवाला के दो लोगों की मौत होगई थी।
हालांकि उस वक्त कैप्टन अमरिंदर सिंह अकाली दल की सरकार की तरफ से इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की बात कह रहे थे, लेकिन जैसे ही उनकी सरकार आई तो उन्होंने यह मामला सीबीआई के हाथ से लेकर रिटायर्ड जज रणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन कर दिया। हाल ही में 27 अगस्त को विधानसभा के मॉनसून सत्र में आयोग की रिपोर्ट पेश की गई।तब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नेआश्वासन दिया था।रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे। अब एडवोकेटफूलका का कहना है किबावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई।
कल ही हाईकोर्ट ने दी है पूर्व डीजीपी को राहत: पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी समेत कई पुलिस अफसरों को जस्टिस रणजीत सिंह आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दोषी ठहराया है, वहीं भ्रष्टाचार के एक मामले में भी पंजाब विजिलेंस कमिशन द्वारा पूर्व पुलिस महानिदेशक सैनी को तलब किए जाने की चर्चाएं इन दिनों जोर पकड़ रही हैं। इसी बीच हाईकोर्ट में याचिका लगा सैनी ने कहा है कि पंजाब में सत्ताधारी दल उन्हें किसी मामले में फंसाने की कोशिश कर सकता है।
उनकी मांग है कि उनके खिलाफ किसी भी मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से करवाई जाए। गुरुवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने सरकार की ओर से पक्ष रखा। जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल की पीठ ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिए हैं कि अगर किसी मामले में सैनी की गिरफ्तारी जरूरी हो तो इसके लिए एक सप्ताह का नोटिस दिया जाए।
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