नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) में रिश्वतखोरी विवाद के बीच ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को तुरंत प्रभाव से जांच एजेंसी का इंटरिम डायरेक्टर बनाया गया है। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया। सीबीआई ने बुधवार को छापेमारी कर मुख्यालय को सील किया। जांच एजेंसी के नंबर 1 और नंबर 2 पोजिशन के अफसरों के बीच विवाद के चलते प्रधानमंत्री ने सोमवार कोउन्हें तलब किया था। अस्थाना और उनकी टीम के डीएसपीके खिलाफ मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप है।
उधर, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की। सुनवाई के दौरान उनके वकील ने एफआईआर को अवैध करार दिया। वकील ने कहा कि सीबीआई ने एक आरोपी के बयान के आधार पर स्पेशल डायरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई के वकील ने कहा कि घूसखोरी का मामला बेहद गंभीर है। एफआईआर में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश की धाराएं शामिल की गई हैं। इस मामले में अदालत 29 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। तब तक अस्थाना के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगाई गई। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के मोबाइल-लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाए।
सीबीआई डायरेक्टर को फंसाने के लिए फर्जी बयान दर्ज कराने का आरोप
आरोप है कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को फंसाने के लिए डीएसपी ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना का फर्जी बयान दर्ज किया था। 24 अगस्त को अस्थाना ने सीवीसी को पत्र लिखकर डायरेक्टर पर सना से दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया था।
डीएसपी देवेंद्र कुमार 7 दिन की न्यायिक हिरासत में
उधर, सीबीआई ने इसी मामले गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र कुमार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। एजेंसी ने कोर्ट से देवेंद्र कुमार को 10 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की। कोर्ट ने डीएसपी को 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अस्थाना से जुड़े करीब सवा तीन करोड़ रुपए लेने के मामले में आरोपी डीएसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआईटी में देवेंद्र डीएसपी थे। मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले की जांच भी देवेंद्र के पास थी। देवेंद्र के वकील ने जमानत याचिका दायर की।
बिजनेसमैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही एजेंसी
1984 आईपीएस बैच के गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। इस दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। कई बार पूछताछ भी की गई। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में क्लीन चिट देने के लिए 5 करोड़ मांगे थे। इनमें 3 करोड़ एडवांस और 2 करोड़ बाद में देने थे।
बिचौलिए ने कहा- अस्थाना को 2 करोड़ दिए
सीबीआई ने पिछले हफ्ते एक बिचौलिए मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था। मनोज कुमार ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि अस्थाना को 2 करोड़ रुपए की घूस दी थी। मनोज ने कहा कि उसने यह घूस कुरैशी की तरफ से दी थी। कुरैशी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग को आरोपों में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। सीबीआई भी उसके खिलाफ जांच कर रही है।
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