चंडीगढ़.ऊपरी यमुना बेसिन पर यमुना और उसकी सहायक नदियों पर निर्मित की जाने वाली तीन जल भंडारण बांध परियोजनाओं के परिणामस्वरूप हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पर्याप्त सिंचाई और पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। इससे यमुना नदी की क्षमता में 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। ऊपरी यमुना बेसिन पर यमुना और उसकी सहायक नदियों पर निर्मित की जाने वाली लखवाड़ बहुद्देशीय बांध परियोजना, रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना और किशाऊ बहुद्देशीय बांध परियोजना का 47.82 प्रतिशत जल हरियाणा प्रदेश को मिलेगा।
इस संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन जयराम गडकरी और उत्तर भारत के 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नई दिल्ली में ऊपरी यमुना बेसिन पर यमुना नदी की सहायक गिरी नदी पर रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण के लिए समझौता पत्र हस्ताक्षर किए। प्रदेश में करीब 36 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। ऐसे में यहां जल की मात्रा बढ़ने से 16.5 लाख किसान परिवारों को लाभ होगा। सिंचाई के लिए पानी अधिक मिलने से हरियाणा के कुल खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
इस बहुद्देशीय बांध परियोजना में बेसिन राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को कुल उपलब्ध जल में से क्रमश: 47.82 प्रतिशत, 33.65 प्रतिशत, 03.15 प्रतिशत, 09.34 प्रतिशत व 06.04 प्रतिशत जल उपलब्ध होगा। बेसिन राज्यों द्वारा बांध परियोजना से उपलब्ध होने वाले जल की प्रतिशतता के अनुपात में ही खर्च वहन किया जाएगा। रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 446.96 करोड़ रुपए, दिल्ली ने 214.84 करोड़ रुपए और हरियाणा ने 25 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।
जयराम बोले-प्रदेश को मिलेगी 20 करोड़ यूनिट बिजली :सीएम जयराम ठाकुर ने कहा-क्योंकि दिल्ली सरकार बिजली उत्पादन पर आने वाले कुल खर्च का 90% खर्च वहन करेगी। इसलिए हिमाचल को केवल 0.30 प्रति यूनिट की दर से लगभग 20 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी। इससे हिमाचल प्रदेश पावर कॉपरेशन लिमिटेड को हर साल 60 करोड़ का शुद्ध राजस्व मिलेगा। इसके संचालन के पहले साल में राज्य को 12 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। रेणुका बांध के दायरे में आने वाले 32 गांव के सभी विस्थापितों को मुआवजा बांट दिया गया है। यह मुआवजा करीब 300 करोड़ रुपए है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने लगभग 497 करोड़ रुपए मुआवजे के लिए प्रदेश सरकार को भेजे थे।
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