
- फीस न भरने को लेकर स्टूडेंट्स के पेरेंट्स कर रहे हैं स्कूलों के खिलाफ प्रदर्शन, एक स्कूल ने समझा दर्द
दैनिक भास्कर
Jun 03, 2020, 08:04 AM IST
चंडीगढ़. (गौरव भाटिया) लॉकडाउन के दौर में पेरेंट्स के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन रही है प्राइवेट स्कूलों की फीस देना। स्कूलों के बाहर लगातार प्रोटेस्ट हो रहे हैं, क्योंकि पेरेंट्स फिलहाल फीस देने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में शहर का एक ऐसा प्राइवेट स्कूल है जो पेरेंट्स की इस प्रॉब्लम को समझकर आगे आया है। इसने शहर के अन्य स्कूलों से कुछ हटकर फैसला लिया, ताकि पेरेंट्स पर वित्तीय बोझ न पड़े। यह है श्री गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सेक्टर-40। स्कूल प्रशासन ने किसी भी पेरेंट्स से फीस नहीं मांगी है। सबसे कहा है कि जब लॉकडाउन हट जाएगा, तब तक फीस दे देना।
चाहे शहर के टॉप रिजल्ट देने वाले स्कूल हों या फिर मोटी फीस वसूलने वाले स्कूल, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में सभी स्कूलों ने पेरेंट्स को फीस जमा करवाने के लिए कहा। पेरेंट्स ने स्कूलों के बाहर प्रोटेस्ट किया लेकिन किसी ने पेरेंट्स की मजबूरी नहीं समझी। लेकिन गुरु हरकृष्ण स्कूल ने पेरेंट्स को फीस जमा करवाने का कोई सर्कुलर नहीं भेजा। जिन पेरेंट्स ने खुद ही फीस जमा करने की इच्छा जताई, उन्हें मना नहीं किया।
स्कूल ने यह साफ कर दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद पेरेंट्स फीस जमा करवा सकते हैं। फीस 1 अप्रैल से ही देनी होगी, लेकिन फिलहाल जमा करने की जरूरत नहीं। इस दौरान स्कूल टीचर्स की ओर से ऑनलाइन क्लासेज भी ली जा रही हैं और टीचर्स की सैलरी भी नहीं रोकी गई।
- लॉकडाउन में हम पेरेंट्स की प्रॉब्लम को समझते हैं। इस दौरान किसी के भी काम-धंधे नहीं चले, इसलिए बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास अभी इतने पैसे नहीं हैं कि बच्चों की फीस दे सकें। इसलिए हमने उनसे फीस नहीं मांगी है। कहा है कि जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो उसके बाद फीस दे देना। -प्रीतिंदर कौर, प्रिंसिपल, श्री गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल सेक्टर-40
फीस न मिलने पर शिक्षा देने से मना नहीं कर सकता स्कूल: हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि फीस का भुगतान न करने पर कोई भी स्कूल स्टूडेंट को शिक्षा देने इनकार नहीं कर सकता। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि फीस को लेकर यदि कोई परेशानी है तो अभिभावक चंडीगढ़ प्रशासन की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी अथवा संबंधित स्कूल को एप्रोच कर सकते हैं। बेंच ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में फिलहाल कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है। वकील पंकज चांदगोठिया ने याचिका दायर कर चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग के 18 मई के फैसले को खारिज करने की मांग की थी।
पेरेंट्स या बच्चे नहीं आए
चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस मामले में जनहित याचिकाएं ही दायर की जा रही हैं। अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया, जिसमें पेरेंट्स या बच्चे परेशानी लेकर आए हों।