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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

जेटली का राहुल को जवाब- जिनको GST की abcd नहीं पता, वो उठा रहे सवाल

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केंद्रीय ​वित्तमंत्री अरूण जेटली ने एक बार फिर जीएसटी को लेकर सरकार का बचाव किया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज किया, जिनमें चुनाव के मद्देनजर टैक्स रेट में राहत देने के दावे किए गए हैं. जेटली ने ये भी कहा कि चुनावों से इस फैसले को जोड़ना ‘बचकानी’ राजनीति है.
अरूण जेटली ने ये टिप्पणी ऐसे वक्त में की है, जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान लगातार जीएसटी पर सवाल उठा रहे हैं. राहुल गांधी ने हाल के गुजरात दौरे पर जहां ये कहा था कि गुजरात की जनता के दबाव में मोदी सरकार को जीएसटी दरों में बदलाव करना पड़ा है. वहीं ये भी मांग उठा रहे हैं कि उन्हें 5 नहीं, बल्कि एक टैक्स स्लैब चाहिए.
जेटली का जवाब
जेटली ने कहा, ‘जो लोग एकल जीएसटी दर की मांग कर रहे हैं उन्हें टैक्स रेट ढांचे की जानकारी नहीं है.  खाद्य उत्पादों पर टैक्स शून्य होगा. आम जनता के उपभोग वाली वस्तुओं को कम पांच प्रतिशत के निम्नतम टैक्स स्लैब में रखना होगा.’ जेटली ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो सिंगल टैक्स स्लैब की बात कर रहे हैं उन्हें ‘जीएसटी की प्राथमिक जानकारी’ भी नहीं है.

जेटली ने दी ये सफाई
कांग्रेस भले ही मोदी सरकार के फैसले को गुजरात चुनाव से जोड़कर देख रही हो, मगर जेटली ने इससे इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार जीएसटी में राहत के लिए तीन-चार महीने से काम कर रही थी. ऐसे में जीएसटी में राहत के निर्णय को किसी चुनाव या राजनीतिक मांग से जोड़ना ‘बचकानी राजनीति’ है.
इतना ही नहीं जेटली ने जीएसटी को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक स्लैब वाले फॉर्मूले को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि टैक्स रेट को और सुधार करने की गुंजाइश है लेकिन इसके बारे में कोई भी फैसला जीएसटी से आने वाले राजस्व पर निर्भर करेगा.
बता दें कि जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह 178 वस्तुओं पर टैक्स रेट को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है. कुछ अन्य उत्पादों को इससे भी कम टैक्स रेट दायरे में रखा गया है. सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस इसे गुजरात चुनाव के दबाव में लिया गया फैसला करार दे रही है. इस निर्णय के तुरंत बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने निर्णय के तुरंत बाद ही थैंक्यू गुजरात कहकर फैसले को गुजरात चुनाव से जोड़ दिया था.