चंडीगढ़/ कनीना.कनीना के एसडीएम संदीप सिंह को सस्पेंड करने के हरियाणा सरकार के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। शुक्रवार को जस्टिस ऋतु बाहरी ने मामले पर 22 अक्टूबर के लिए अगली सुनवाई तय की है। एचसीएस अधिकारी संदीप सिंह नारनौल में उद्योग मंत्री विपुल गोयल की ग्रीवांस की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद संदीप सिंह ने विपुल गोयल के खिलाफ अपशब्द कहने का अरोप लगाते हुए मानहानि की याचिका दायर की थी। तभी सरकार ने उनको निलंबित कर दिया था। वो 15 अक्टूबर से दोबारा कार्यभार संभाल सकते हैं।
पहले भी मिले स्टे :31 अगस्त को स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने पानीपत में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आरओ भूपेंद्र सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। लेकिन उन्हें कोर्ट से स्टे मिल गया था।
– कैथल में भी एसडीओ को विज ने सस्पेंड किया था, लेकिन उन्हें भी कोर्ट से स्टे मिल गया था।
आरोप : मंत्री ने किया था अपमानजनक शब्द का प्रयोग
– निलंबन रद्द कराने के लिए संदीप सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
– याचिका में कहा गया कि उन्होंने सीजेएम नारनौल के समक्ष मंत्री गोयल के खिलाफ 27 सितंबर को मानहानि की आपराधिक शिकायत दायर की थी। इसीलिए कार्रवाई की गई।
– अफसर ने तर्क दिया कि 20 सितंबर को मीटिंग मंत्री विपुल गोयल की अध्यक्षता में तय थी। एजेंडों की जानकारी उन्हें नहीं थी।
– आरोप है कि मीटिंग में एसडीएम पेश नहीं हुए। ऐसे में मंत्री को गुस्सा आ गया और तभी मंत्री ने उनके और उनके पिता के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया।
-साथ ही मंत्री ने डीसी को मौखिक आदेश देते हुए याची को सस्पेंड करने व चार्जशीट के आदेश जारी कर दिए।
– अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के खिलाफ याची ने महेंद्रगढ़ डीसी को पत्र लिख मंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। उसके बाद आपराधिक मानहानि की शिकायत भी कोर्ट में दी।
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