चंडीगढ़.चंडीगढ़ में सिख महिलाओं को टू व्हीलर पर हेलमेट न पहनने की छूट मिल गई है। सिख संगठनों की चंडीगढ़ प्रशासन ने तो नहीं सुनी लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने उनकी डिमांड मान ली है। अब सिख महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने को ऑप्शनल कर दिया गया है।
वीरवार को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से चंडीगढ़ प्रशासन को ये निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि वे दिल्ली सरकार की इस बारे में जारी की गई नोटिफिकेशन को फॉलो करें। इसके मुताबिक सिर्फ सिख महिलाओं के लिए ही यह छूट रहेगी और उनकी मर्जी पर होगा कि वे हेलमेट पहनें या न पहनें।
पहले टर्बन पहनी महिला को ही थी छूट :चंडीगढ़ प्रशासन ने इसी साल 6 जुलाई को नोटिफिकेशन कर सभी महिलाओं को हेलमेट पहनने की छूट खत्म कर दी थी। सिर्फ उन सिख महिलाओं को छूट दी गई थी, जिन्होंने टर्बन पहनी होगी।
पहले टर्बन पहने महिला को छूट दी गई थी, लेकिन अब कन्फ्यूजन ये है कि ट्रैफिक पुलिस नाके पर कैसे पहचान करेगी कि महिला सिख है या नहीं। सिख वुमन विद टर्बन इसलिए नोटिफिकेशन में किया गया था ताकि छूट का फायदा सिर्फ सिख महिलाओं को मिल सके। लेकिन अब पुलिसवालों को चालान काटने से पहले उसका नाम पूछना पड़ेगा और फिर लाइसेंस या आइंडेंटिटी प्रूफ चेक करना होगा।।
5 सितंबर से चालान हुए थे शुरू :चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने नोटिफिकेशन होने के कुछ दिनों तक अवेयर किया। इसके बाद 5 सितंबर से टू व्हीलर चलाने वाली या पीछे बैठी महिलाओं के विदआउट हेलमेट के चालान काटने शुरू किए।
दिल्ली एक्ट में ये : दिल्ली मोटर व्हीकल रूल 1993, सबरूल 115 में पहले लिखा था कि टू व्हीलर चाहे महिला चला रही हो या पीछे बैठी हो, उनके लिए हेलमेट पहनना जरूरी नहीं है। उनकी मर्जी है इसे पहनें या नहीं पहनें। इसके बाद एक्ट में संशोधन किया गया, जिसमें सिख महिलाओं को छोड़कर बाकी के लिए हेलमेट जरूरी कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली में महिलाओं के विदआउट हेलमेट के चालान ही नहीं किए जाते।
एमएचए की तरफ से ये निर्देश :दिल्ली की नोटिफिकेशन में सिख वुमन को हेलमेट पहनने से छूट दी गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन को भेजे कम्युनिकेशन में एमएचए की तरफ से कहा गया कि यूनियन होम मिनिस्टर को कई सिख संस्थाओं की तरफ से इस बारे में रिप्रेजेंटेशन सब्मिट की गई है।
इसमें दिल्ली सरकार की 4 जून 1999 को जारी की गई नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए लिखा गया है कि इसमें दिल्ली मोटर व्हीकल एक्ट 1993 के रूल 115 में अमेंडमेंट कर महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना ऑप्शनल कर दिया गया हैै। 28 अगस्त 2014 को दोबारा अमेंडमेंट किया गया, जिसमें वुमन की जगह सिख वुमन सब्मिट किया गया।
हो रहा था विरोध : नोटिफिकेशन के बाद से चंडीगढ़ और पंजाब में कई सिख संगठन इसका विरोध कर रहे थे। वहीं, प्रशासन ने जब ड्राफ्ट नोटिफिकेशन की तो लोगों से फीडबैक मंगवाए थे। इसमें शिरोमणि अकाली दल की तरफ से खुद सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब गवर्नर व यूटी चंडीगढ़ प्रशासक के पास पहुंचकर इस फैसले पर ऑब्जेक्शन उठाया था। उस समय करीब 17 लोगों व संस्थाओं का फीडबैक आया था, जिसमें से मैक्सिमम इस फैसले के समर्थन में ही थे। सिख संगठन भी इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग चल रहे थे।
5 सितंबर 2018 से 23 सितंबर के बीच बिना हेलमेट ड्राइविंग के 925 चालान किए गए। यह जवाब चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट में दिया था।
अभी आॅर्डर नहीं मिले हैं : ट्रैफिक पुलिस के डीएसपी पब्लिक रिलेशन ऑफिसर पवन कुमार ने कहा कि अभी इन निर्देशों को लेकर कम्युनिकेशन नहीं मिला है।
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