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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय रविवार को चंडीगढ़ के कला ग्राम में थैलीसेमिया रोग के प्रति संवेदना जागृत करने और समाज में नशे की प्रथा को समाप्त करने के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए।

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चण्डीगढ़, 16 अप्रैल – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज रविवार को चंडीगढ़ के कला ग्राम में हरियाणा बाल कल्याण कल्याण परिषद और ह्यूमन केयर चौरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में समाज में थैलेसीमिया रोग से पीड़ित बच्चों के प्रति संवेदनाएं जगाने और युवाओं में नशे की लत को रोकने के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है। इसमें बच्चों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। बच्चों को इसमें काफी कष्ट झेलना पड़ता है क्योंकि बार-बार रक्त की आवश्यकता होती है। इसके लिए समाज में रक्त दाताओं से सहायता प्राप्त की जाती है। मैं समाज के सभी युवाओं से निवेदन करता हूं कि वे समय-समय पर आयोजित होने वाले रक्तदान शिविरों में भाग लेकर रक्तदान अवश्य करें ताकि थैलेसीमिया, हीमोफीलिया जैसी अनुवांशिक बीमारियों से पीड़ित बच्चों का समय पर इलाज किया जा सके और उनके जीवन की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि माता-पिता को भी अपने छोटे बच्चों में थैलेसीमिया व हीमोफीलिया रोगों के लक्षणों के बारे में जागरूक होना चाहिए। जैसे ही इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए ताकि बच्चे का समुचित इलाज किया जा सके।
उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने को नशे से हमेशा दूर रखें। यदि एक बार नशे की लत लग जाए कोई से छुटकारा पाना बहुत कठिन है परंतु फिर भी असंभव नहीं है। दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प से और समुचित उपचार से इससे छुटकारा पाया जा सकता है परंतु अच्छा यही है कि इसकी तरफ जाया ही ना जाए। युवाओं को हर रोज कसरत करनी चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपना समय व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल के युवा बंद कमरों में एकाकी जीवन व्यतीत करते हुए सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताते हैं, इससे एक तो उनका समय व्यर्थ में बर्बाद होता है और दूसरे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचती है। इसकी बजाय उन्हें व्यामशाला और खेल स्टेडियमों में जाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का  ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है।
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल ने मैराथन मैं भाग लेने वाले  बालकों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति चिह्न देकर सम्मानित किया।