देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है, इनमें हमको सबसे प्यारी हिंदी मातृभाषा हमारी है- रश्मि राय, ॐटीम ।
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत देश की आजादी के बाद हुई।
1946 को 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। फिर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया।
श्रीमति रश्मि राय, संस्थापक व निर्देशक, ॐ टीम का मानना है कि हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान हैं । हम और हिंदी हमारी जुबान है। हिन्दी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं। विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है, इनमें हमको सबसे प्यारी हिंदी मातृभाषा हमारी है।
हिंदी दिवस कब मनाया जाता हैं-
संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा। यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था।
गौरी राय, अंतर्राष्ट्रीय आइस स्केटर, ॐटीम
9910629386 के अनुसार
सामान्यत: भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, यह हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य अपूर्ण है और अपने इतिहास और परंपरा से विछिन्न है।
भाषा शिक्षण के सामान्य उद्देश्य हैं –
– शुद्ध सरल स्पष्ट एवं प्रभावशाली भाषा में छात्र अपने भावों विचारों एवं अनुभूतियों की अभिव्यक्ति कर सके।
– विभिन्न शैलियों का परिचय करा कर अपने उपयुक्त शैली के विकास में
– बालकों के शब्दों वाक्यांशों तथा लोकोक्तियों आदि के कोष में वृद्धि करना।
– छात्रों को इस योग्य बनाना कि वे उचित भाव भंगिमा ओं के साथ वचन करके काव्य कला एवं अभिनय कला का आनंद प्राप्त कर सकें और साथ ही अपने मानसिक सुख दुखआत्मक भावनाओं के प्रति संतुष्टि प्राप्त कर सक।
– उनको शुद्धता एवं गति का निरंतर विकास करते हुए वचन का अभ्यास कराना।
हिन्दी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं।