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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

स्कूल संचालक ने 25 हजार में कबाड़ से खरीदी थी वैन, आग लगने से 4 बच्चों की मौत; 8 को बचाया

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  • लौंगोवाल की घटना, वैन में 12 बच्चे सवार थे; जिन 4 बच्चों की मौत हुई, 3 की हालत गंभीर 
  • स्कूल से 200 मीटर निकलते ही वैन में स्पार्किंग होने लगी थी, हादसे के दौरान ड्राइवर फरार

Dainik Bhaskar

Feb 16, 2020, 08:56 AM IST

संगरूर. पंजाब के लौंगोवाल में शनिवार दोपहर स्कूल वैन में आग लगने से 4 बच्चों की जलकर मौत हो गई। वैन में 12 बच्चे सवार थे, जिसमें से 8 बच्चों को बचा लिया गया है। जिन 4 बच्चों की मौत हुई, उनकी उम्र 4- 6 साल के बीच बताई जा रही है। पुलिस ने बताया- तीन बच्‍चों को लौंगोवाल के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उनकी हालत गंभीर है। स्कूल संचालक ने एक दिन पहले 25 हजार में कबाड़ से वैन खरीदी थी, जो मासूमों के लिए काल बन गई। बच्चों को घर ले जा रही वैन में स्कूल से निकलते कुछ दूरी पर शॉर्ट सर्किट से आग लग गई।

आग ने पूरी वैन को अपनी चपेट में ले लिया।

पुलिस ने बताया कि सिमरन पब्लिक स्कूल की मारुति वैन बच्चों को घर छोड़ने लौंगोवाल की तरफ जा रही थी। रास्ते में गांव केहर सिंह वाली के पास वैन में अचानक आग लग गई। वैन में तैनात स्‍टाफ ने बच्‍चों को निकालना शुरू किया, लेकिन देखते-देखते ही आग तेजी से फैली, जिसकी चपेट में पूरी वैन आ गई। हादसे में जख्मी बच्चों और ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री सिंह ने कहा- संगरूर में हुए हादसे की खबर जानकर बहुत दुख हुआ। मैंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों को सजा मिलेगी।

4 बच्चे हादसे में जल गए, सभी पहली-दूसरी कक्षा के थे

एसएचओ बलवंत सिंह ने बताया कि 4 बच्चे हादसे में जल गए हैं। सभी पहली-दूसरी कक्षा के थे। सुनाम के डीएसपी सुखविंदरपाल सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्‍होंने स्कूल का रिकार्ड जब्त कर लिया। पुलिस ने स्कूल के कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। मृतक बच्चों में कमल प्रीत, अराध्या, नवजोत कौर और सिमरनजीत सिंह का नाम शामिल। 

डीसी घनश्याम थोरी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि स्कूल वैन कंडम थी। हालांकि, परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूली वाहनों की जांच की जाती है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को मामले की जानकारी दी गई है। उनकी तरफ से जल्द ही मजिस्ट्रेट लेवल की जांच के आदेश जारी किए जा सकते हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने मृतकों के पारिवारिक सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।

वैन के अंदर रही छात्रा ने भास्कर को बताया…राहगीर आग देखकर चिल्लाए और वैन रुकवाई, मैंने अंदर से शीशा तोड़ दिया वैन में 9वीं कक्षा की 13 वर्षीय छात्रा अमनदीप कौर सबसे बड़ी थी। बकौल अमनदीप जब दो राहगीरों ने वैन रुकवाई तो उसने गेट अंदर से खोलना चाहा पर गेट नहीं खुला। अचानक उसके हाथ में लोहे की चीज आ जाने से उसने वैन का शीशा तोड़ कर मुुंह वैन से बाहर निकाला और बाहर से गेट खोला। बाहर निकलते ही उसने अनमोल, अर्शदीप कौर और करण को बाहर खींच लिया।

अमनदीप ने बताया, सर ने भी एक बच्चे को बाहर खींचा था। कुछ बच्चों को वहां पहुंचे लोगों ने निकाला। जिसके बाद आग भड़क गई। कोई भी वैन के पास नहीं जा रहा था। रोते-सुबकते हुए अमनदीप ने कहा, बच्चे वैन में चीख रहे थे। उनकी चीखने की आवाज अभी भी महसूस हो रही है। उधर, बाइक सवार हरदीप सिंह और सतनाम सिंह ने बताया कि बाइक पर जाते समय वैन उनके आगे जा रही थी। जैसे ही उन्होंने वैन के नीचे आग लगी देखी तो शोर मचाना शुरू किया, जिससे आसपास के लोगों को भी पता चल गया। इतने में वैन रूक गई। दोनों ने बताया कि ड्राइवर साइड का कोई गेट नहीं खुला। उन्होंने अगली सीट के कंडक्टर वाली सीट से कुछ बच्चों को बाहर निकाला जिसके बाद आग भड़क गई। खेतों में काम कर रहे लोग और राहगीरों ने आग पर काबू पाने का काफी प्रयास किया। परंतु पैट्रोल और हवा तेज होने के कारण आग और भड़क गई। 

गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन…
सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर स्कूल संचालक जिस वैन को लेकर आया, वह पहले दिन 5 किलोमीटर लंबे सफर का महज 200 मीटर सफर भी तय नहीं कर पाई। घटना से गुस्साए लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। डीसी घनश्याम थोरी ने कहा, कबाड़ से खरीदी वैन आरटीए से पास नहीं थी। जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली की भी जांच होगी। 

कंटेंट और फोटो- राकेश कुमार