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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

राष्ट्रपति सिरिसेना ने कहा- जब तक आतंकवाद खत्म नहीं कर दूंगा, न तो भागूंगा और न ही इस्तीफा दूंगा

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  • धमाकों के बाद विपक्ष ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के इस्तीफे की मांग की थी
  • सिरिसेना ने कहा- आईएस ने यूरोप के हर देश में हमला किया, लेकिन वहां लोगों ने नेताओं का इस्तीफा नहीं मांगा
  • सरकार ने लोगों को अवैध हथियार जमा कराने के लिए तीन दिन का वक्त दिया

कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा है कि जब तक देश से आतंकवाद का खात्मा नहीं कर लूंगा, तब तक न तो कहीं भागूंगा, न डरूंगा और न ही इस्तीफा दूंगा। 21 अप्रैल को श्रीलंका में हुए सीरियल धमाकों में 258 लोग मारे गए थे। इस बीच सरकार ने लोगों को अवैध हथियार जमा कराने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है। शनिवार को सरकार ने आदेश दिया था कि मस्जिदों में दिए जाने वाले उपदेशों की कॉपी उन्हें दिखानी होगी।

अम्पारा जिले में एक कार्यक्रम में सिरिसेना ने कहा कि उन्हें धमाकों को लेकर अधिकारियों की लापरवाही की एक अंतरिम रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद पुलिस प्रमुख को निलंबित और रक्षा मंत्रालय के सचिव का तबादला कर दिया गया है। श्रीलंका में धमाके की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी, लेकिन सरकार ने धमाकों के पीछे स्थानीय कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का हाथ होने की बात कही थी।

विपक्ष ने मांगा था सिरिसेना का इस्तीफा
धमाकों के बाद विपक्ष ने सिरिसेना के इस्तीफे की मांग की थी। इस पर सिरिसेना ने कहा, ‘‘करीब सभी यूरोपीय राजधानियों में आईएस हमला कर चुका है, लेकिन वहां के लोगों ने अपने नेताओं से इस्तीफा नहीं मांगा।’’ सिरिसेना ने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों ने जिहादियों की हर धमकी को कुचल दिया है। लोग अपना सामान्य काम करते रहें।

सिरिसेना की इस बात को लेकर भी आलोचना हुई थी कि भारतीय एजेसिंयो द्वारा उच्च अफसरों को हमले की पहले से जानकारी मिलने के बाद भी वे उसे रोकने में नाकाम रहे। इस गड़बड़ी के पीछे सत्ता की खींचतान को जिम्मेदार बताया गया।

यह भी कहा जाता है कि राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे एक दूसरे को पसंद नहीं करते। कुछ महीने पहले सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाकर महिंदा राजपक्षे को शपथ दिला दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिरिसेना के फैसले को गलत करार दिया था। इसके बाद संसद में भी रानिल को दोबारा बहाल करने पर मुहर लगी थी।

तीन दिन में अवैध हथियार जमा कराने के आदेश
अफसरों ने शनिवार को अवैध हथियारों को नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा करने के लिए 3 दिन का वक्त दिया है।  धमाकों के बाद चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने मस्जिदों से कई तलवारों बरामद की थीं। पुलिस प्रवक्ता रूवन गुणाशेखरा ने कहा कि हमने सभी तरह के अवैध हथियारों और विस्फोटकों को पुलिस के पास जमा कराने के लिए तीन दिन का समय दिया है। यह वक्त 11 मई सुबह 6 बजे से शुरू होकर 14 मई सुबह 6 बजे तक रहेगा।