चंडीगढ़ (रोहित रोहिला).पंजाब सरकार किसानों की कर्ज माफी के बाद अब खेत मजदूरों का भी कर्ज माफ करने जा रही है। हालांकि सरकारी खजाने की हालत कुछ खास नहीं सुधरी है। इसके बावजूद सरकार अपने इस वादे को पूरा करने के लिए पूरे 450 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसकेे लिए वित्त विभाग ने कृषि विभाग से उन खेत मजदूरों का डाटा मांग लिया है जिन पर बैंकों का कर्ज है। कर्ज सिर्फ 25 हजार तक माफ होगा। सिर्फ उनका ही होगा जिन्होंने को-आपरेटिव बैंकों से ले रखा है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे सूबे के लाखों खेत मजदूरों को फायदा मिलेगा। इससे पहले सूबे की कांग्रेस सरकार ने किसानाें का दाे लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया है। जिसमें अभी निजी बैंकाें का कर्जा माफी भी शाामिल है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 2.60 लाख खेत मजदूरों पर को-आपरेटिव बैंकों का कर्जा है। इसके लिए वर्ष 2019-20 के बजट में पैसा भी रखा जाएगा। ताकि समय पर खेत मजदूरों को इसकी राहत दी जा सके।
बजट फरवरी में ही पेश किए जाने की तैयारी :
सूबे में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार फरवरी माह में ही अपने बजट को पेश करेगी। लेकिन इससे पहले सरकार केंद्र के बजट आने का इंतजार करेगी। क्योंकि उसके बाद ही अगर बजट में कुछ तबदीली करनी पड़े तो की जा सके। इससे सरकार को इस बात का अनुमान भी हो जाएगा कि राज्य सरकार को किस मद पर कितनी राशि खर्च करनी है और कितना पैसा उसे किस मद से मिलेगा।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है फायदा :
पंजाब में भी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव होगा। जिसमें सूबे के सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेंगे। अगर सरकार खेत मजदूरों का कर्ज माफ करती है तो इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। अभी हाल ही में उप चुनावों और पंचायत चुनावों मेंकांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में यह फैसला चुनाव के दौरान काफी कारगर साबित होने वाला है।
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