शहर में बैन के चलते किसी तरह का पॉलिथिन कैरी बैग इस्तेमाल नहीं हो सकता। लोग और दुकानदार कंफ्यूज हैं क्योंकि लोगों को जागरूक करने में निगम फेल रहा है। अगर मेयर जगदीश राज राजा और निगम कमिश्नर चाहें तो वे भी लोगों को जागरूक कर पॉलिथिन पर बैन लगवा सकते हैं। क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक इसका एकमात्र हल अवेयरनेस है।
हाउस की मीटिंग में 50 माइक्रोन से ऊपर के पॉलिथिन को छूट देने का प्रस्ताव आने से असमंजस की स्थिति बन गई थी लेकिन सरकार के प्रस्ताव रद्द कर देने के पॉलिथिन पर बैन की स्थिति क्लियर हो गई है। सिटी में हर महीने करीब 100 टन पॉलिथिन कैरी बैग इस्तेमाल हाे जाता है। लोगों को अब घरों से कपड़े, जूट और ऐसे बैग लेकर चलना होगा, जिसमें प्लास्टिक मटीरियल इस्तेमाल न किया गया हाे। यहां तक कि नॉन वोवन कैरी बैग भी इस्तेमाल नहीं हो पाएंगे। इन पर भी जुर्माना है। ढाबों पर दाल-सब्जी की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले बिना हैंडल के लिफाफे भी प्रयोग में नहीं आ सकते। इनकी जगह फूड ग्रेड प्लास्टिक कनटेनर इस्तेमाल होंगे। अच्छी क्वालिटी के आधा लीटर क्षमता का कनटेनर करीब 5 रुपए में पड़ेगा। सरकार के आदेश से दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है। पंजाब पॉलिथिन एक्ट 2016 के तहत जारी आदेश के मुताबिक पॉलिथिन कैरी बैग के इस्तेमाल, निर्माण और स्टाक करने पर रोक रहेगी। लोगों की मांग पर निगम ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बाेर्ड के नियम लागू करने का प्रस्ताव था लेकिन पंजाब सरकार ने नामंजूर कर दिया।
प्रॉब्लम की जड़ : हर महीने शहर यूज कर रहा सौ टन लिफाफे, सीवरेज सिस्टम और वातावरण को बड़ा नुकसान
पॉलीथीन के इस्तेमाल पर 1000 रुपए से 25 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माने के दायरे में ग्राहक, दुकानदार, होलसेलर, मैन्यूफैक्चरर्स सभी आएंगे। पॉलिथिन पर रोक का समर्थन शहर के चारों विधायकों ने भी किया था। अगस्त में यह नियम लागू किया गया था और मैन्यूफैक्चरर्स, सप्लायर को एक महीने में अपना स्टाक खत्म कर लेने के लिए कहा गया था। शहर में मैन्यूफैक्चरर्स भी हैं और सप्लायर भी, तो ऐसे में हजारों परिवार इससे प्रभावित भी होंगे।
ढाबों पर इस्तेमाल हों फूड ग्रेड प्लास्टिक कंटेनर… निगम के हेल्थ अफसर डॉ. श्री कृष्ण ने कहा कि बिना हैंडल के लिफाफे भी इस्तेमाल नहीं हो पाएंगे। ढाबों पर दाल-सब्जी की पैकिंग के लिए फूड ग्रेड प्लास्टिक कंटेनर इस्तेमाल होने चाहिए।
इन सब पर लगी रोक
<img src=\"images/p3.png\"किसी तरह के पॉलिथिन से बने कैरी बैग
<img src=\"images/p3.png\"डी शेप में बने हैंडल वाले पॉलिथिन कैरी बैग
<img src=\"images/p3.png\"किसी भी सामान को ले जाने में सक्षम कैरी बैग
<img src=\"images/p3.png\"बिना हैंडल के पॉलिथिन
टाइमलाइन… 1 अगस्त: रोक लगाई गई। 10 अगस्त: होलसेलरों पर रेड, 2 चालान काटे 13 सितंबर : मकसूदां मंडी से 14 क्विंटल पॉलिथिन जब्त 18 अक्टूबर : निगम हाउस में 50 माइक्रोन से ऊपर छूट का प्रस्ताव पास 26 अक्टूबर : मकसूदां मंडी मे रेड, 7 क्विंटल पॉलिथिन जब्त 6 नवंबर : सरकार ने छूट का प्रस्ताव रद्द किया
बड़े सप्लायर और मेन्यूफेक्चरर्स पर एक्शन लेंगे… निगम के जॉइंट कमिश्नर राजीव वर्मा ने कहा कि होलसेल मार्केट, सप्लायर और मेन्यूफेक्चरर्स पर सबसे पहले कार्रवाई होगी। सप्लाई लाइन तोड़ेंगे। लोगों को घर से कपड़े का बैग लेकर निकलने की आदत डालनी होगी।
पंजाब सरकार इंडस्ट्री खत्म कर रही…ऑल पंजाब प्लास्टिक मैन्युफेक्चर एंड ट्रेडर वेलफेयर एसो. के पीआरओ मनमोहन सिंह ने बताया कि सीपीसीबी की नोटिफिकेशन पंजाब में लागू करने के लिए निगम और लोकल बॉडी को लागू करने के लिए एप्लीकेशन दी थी। उसे निगम ने पास किया था, पर अब लोकल बॉडी ने सीवरेज मुख्य कारण बताते हुए इसे रद्द कर दिया है।
भास्कर नजर… निगम ने एक साल तक अवेयरनेस के नाम पर की खानापूर्ति
टैक्स से कमाए करोड़ों
आयरलैंड ने पॉलिथिन के हर बैग पर 15 यूरो सेंट्स का टैक्स मार्च 2002 में ही लगाया और लोगों को जागरुक किया, जिससे 95 प्रतिशत तक की कमी आई और साल में 90 प्रतिशत दुकानदारों ने पॉलिथिन छोड़ दिए। वहां की सरकार ने टैक्स से 7.5 करोड़ यूरो भी कमाए, जिन्हें एक पर्यावरण कोष में लगा दिया गया। बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, स्पेन, नॉर्वे और नीदरलैंड्स उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने आयरलैंड के बाद पॉलिथिन पर टैक्स लगाया। जालंधर में हालात ये हैं कि एक साल से लोगों को जागरूक करने के नाम पर खानापूर्ति हुई है।
छोटा लिफाफा बड़ा खतरा
<img src=\"images/p3.png\"33 प्रतिशत हिस्सा कभी खत्म नहीं होता और छोटे हिस्सों में हमेशा मौजूद रहता है। <img src=\"images/p3.png\"घातक केमिकल्स से कैंसर, जन्म के समय रोग समेत कई प्रॉब्लम पैदा करता है। <img src=\"images/p3.png\"भूजल को खराब करता है। <img src=\"images/p3.png\"वेस्ट मैनेजमेंट में बड़ी प्रॉब्लम बनता है। <img src=\"images/p3.png\"इससे वन्य जीवों को भी खतरा है। <img src=\"images/p3.png\"कुल इस्तेमाल पॉलिथिन का सिर्फ 8 प्रतिशत की रि-साइकिल होता है। बाकी कचरा, लैंड फिल के रूप में हमेशा रहेगा। <img src=\"images/p3.png\" फूड क्वालिटी को खराब कर रहा है।
सिर्फ छोटे कैरी बैग पर रोक लगे… एसो. के वाइस प्रेसिडेंट रजत दुग्गल ने कहा- सरकार के आगे प्रस्ताव रखा था कि छोटे कैरी बैग पर रोक लगा दें। क्योंकि उसकी कीमत 10 पैसे होती है, जिसे लोग एक बार यूज करके फेंक देते हैं। बड़े साइज के लिफाफे को बनाने में कॉस्ट भी ज्यादा आती है और उसमें माइक्रोन भी ज्यादा होते हैंे। ये आसानी से रि-साइकिल भी हो जाते हैं।
कपड़ा सबसे बढ़िया…कपड़े या प्लास्टिक के मजबूत बैग से पर्यावरण संरक्षण पर बड़ा असर पड़ सकता है। मक्के से बने बैग नष्ट होने की प्रकिया में मीथेन गैस पैदा करते हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग के लिहाज से सही नहीं है। अमरीका में पेपर बैग बहुत लोकप्रिय रहे लेकिन जानकारों के मुताबिक नष्ट होने की प्रक्रिया में ये कार्बन पैदा करते हैं।
सिर्फ सिक्किम कामयाब…सिक्किम भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां पॉलिथिन पूरी तरह बैन है। इसकी शुरुआत 2002 में हुई थी। प्रशासन ने जुर्माने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने पर काफी मेहनत की। लोगों को जब समझाया गया कि पॉलिथिन कितना खतरनाक है तो उन्होंने खुद ही उसे इस्तेमाल करना बंद कर दिया।
अलग-अलग पैमाने…राज्य सरकार ने सभी पॉलिथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। यूपी में 50 माइक्रोन, हिमाचल प्रदेश में 70, महाराष्ट्र में 60 तो वेस्ट बेंगाल में 40 माइक्रोन तक के पॉलिथिन के इस्तेमाल की छूट है।
पॉलिथिन रि-साइकिल किया जाए… एसो. मेंबर्स का कहना है कि पॉलिथिन कैरी बैग पर लोकल बॉडी डिपार्टमेंट को प्रेजेंटेशन दी थी कि इसे सेग्रीगेट कर मशीनी तेल और एसी की गैस बनाई जा सकती है। मल्टीलेयर बैग की तरह पेय-बैक पॉलिसी के तहत पॉलिथिन की खरीद पर व्यापारी सेटलमेंट के लिए भी तैयार हैं पर वेस्ट मैनेजमेंट न होने के कारण यह बैन लगाया गया है।
बैन लगाया पर लागू नहीं कराया…इंडियन प्लास्टिक इंस्टीट्यूट के चेयरमैन राजीव त्रिवेदी ने कहा कि भारत में पॉलिथिन बैन लगभग फेल है। कई राज्यों ने प्रतिबंध तो लगाया है पर उसे लागू करवाने के लिए कोई काम नहीं किया क्योंकि प्लास्टिक इंडस्ट्री इतनी बड़ी है कि एकदम से प्रोडक्शन रोकना मुश्किल है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today