सोमेश चौधरी, चरखी दादरी.देश-प्रदेश में आए दिन बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी को लेकर पहली बार देशभर की करीब 140 खापें एकजुट हुईं। जिसमें 9 एजेंडों पर सहमति बनी है। इन एजेंडों को लागू करवाने के लिए खापें सीजेआई से भी मुलाकात करेंगीं। जिसके बाद सभी खापें अपने अपने क्षेत्रों के उपायुक्त को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगी।
एजेंडों को लागू करने के लिए खापों ने सरकार को तीन माह का समय दिया है। यदि इस समयावधि में इनको लागू किया जाता है तो ठीक है, वरना खापें फिर से एकजुट होकर समाज में फैली कुरीतियों और बुराइयों पर अंकुश लगाने को रणनीति बनाएंगी।
गौरतलब है कि रविवार को चरखी के एससीआर स्कूल के प्रांगण में सांगवान खाप-40 द्वारा बुलाई गई सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रधान सोमबीर सांगवान ने की। महापंचायत में सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर विचार कर समाधान करने के लिए उतर भरत की 140 खापों के प्रतिनिधियों ने सहमति बनाई।
जिसमें खापों के प्रतिनिधियों ने बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म व रेप, लीव इन रिलेशनशिप, धारा 377 को लेकर अपना विरोध जाहिर करते हुए तुरंत बदलाव करने की बात कही।
- मासूम बच्चियों और महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार जैसे अपराधों के कारण व इनके रोकने का ठोस समाधान।
- बिना शादी किए ही पति-पत्नी के रूप में जीवन यापन करते हुए बच्चे पैदा करने को दिया गया कानून अधिकार तुरंत निरस्त करना चाहिए।
- समलैंगिकता को कानून द्वारा अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला तुरंत प्रभाव से निरस्त हो।
- सम गौत्र, गांव, गवांड व खाप में होनी वाली शादी नहीं करने देने व हिंदू विवाह कानून में संशोधन किया जाए।
- शादी के बाद भी पति या पत्नी का अन्य किसी के साथ यौन संबंध बनाना अपराध के दायरे से बाहर करना गलत कानून। इसे तुरंत बदला जाए।
- खाप से बाहर अंतरजातीय विवाह को खापों की स्वीकृति होगी और ऐसे विवाह करने वाले युवक व युवतियों को मिलेगा मान सम्मान।
- भ्रूण हत्या करने वाले परिवार व चिकित्सक का किया जाए सामाजिक बहिष्कार।
- संस्कारों के प्रति बच्चों का रुझान बढाने के लिए माता-पिता व समाज उनकाे प्रेरित करें।
- खाप पंचायतों के बिगड़ते स्वरूप जैसे एक खाप में एक से अधिक प्रधान होना गलत। इस परंपरा को बदलना जरूरी।
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