- लेक्सी अपनी यात्रा के सारे सबूत गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को दे चुकी हैं, फिलहाल इसकी पुष्टि की प्रक्रिया जारी है
- लेक्सी के मुताबिक- जब भी वे किसी देश में गईं तो वहां सिम कार्ड तक नहीं लिया, इससे अलग-अलग संस्कृतियों को जानने का मौका मिला
वॉशिंगटन. अमेरिका की 21 साल की लेक्सी अल्फोर्ड दुनिया के सभी 196 देश घूमने वाली पहली युवा महिला बन गई हैं। लेक्सी अपनी यात्रा का रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को सौंप चुकी हैं। लेक्सी से पहले सभी देश घूमने का रिकॉर्ड केसी द पेकोल के नाम था। लेक्सी के मुताबिक- घूमने के दौरान इंटरनेट से दूर रही लेकिन दुनिया से जुड़ी रही।
लेक्सी बताती हैं कि दुनियाभर में घूमना जिंदगी में बचपन से ही शामिल था। मेरे परिवार की कैलिफोर्निया में एक ट्रैवल एजेंसी थी। हर साल मेरे माता-पिता मुझे स्कूल से निकालकर कुछ हफ्ते के लिए अलग जगह पर पढ़ने के लिए भेज देते थे।
‘पेरेंट्स ने काफी दुनिया दिखाई’
लेक्सी के मुताबिक- जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई, पेरेंट्स मुझे कंबोडिया के तैरते गांवों से दुबई के बुर्ज खलीफ, अर्जेंटीना के छोर पर स्थित उशुआया से मिस्र के पिरामिड्स तक ले गए। उन्होंने मुझे दुनिया के हर स्थान का महत्व समझाया। इन सबका मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा। मैं हमेशा से दूसरे देशों में रह रहे लोगों की जिंदगी जानने के लिए उत्सुक रही। मैं कोई रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहती थी, मेरा मकसद बस ज्यादा से ज्यादा दुनिया देखना था।
3 साल पहले शुरू किया प्रयास
लेक्सी ने 2016 में दुनिया के हर देश घूमने के मिशन पर काम करना शुरू किया। सभी देशों को घूमने का आइडिया कहां से आया, इस पर लेक्सी कहती हैं कि 18 साल की उम्र तक मैं 72 देश घूम चुकी थी। मैं हाईस्कूल नियत समय से दो साल पहले पास कर चुकी थी। स्थानीय कॉलेज से एसोसिएट डिग्री भी ले चुकी थी। लिहाजा मैं यात्रा के लिए तैयार थी।
‘ज्यादातर पैसा खुद खर्च किया’
लेक्सी के मुताबिक- यात्रा पर ज्यादा पैसा मैंने अपने पास से ही खर्च किया। कुछ ब्रांड्स से डील की लेकिन आधिकारिक रूप से किसी को स्पॉन्सर नहीं बनाया। मैं हमेशा से जानती थी कि किसी भी तरह की यात्रा के लिए काफी पैसों की जरूरत पड़ती है, इसलिए 12 साल की उम्र से सेविंग कर रही थी। उन्होंने यह भी बताया कि हर देश के बारे में पहले से जानकारी जुटाई। सस्ते होटलों के बारे में पता किया।
लेक्सी ने बताया- पाकिस्तान और वेनेजुएला में उन्हें काफी प्राकृतिक सुंदरता मिली। वहीं, पश्चिम और मध्य अफ्रीका वीजा, पर्यटन के लिए कम इन्फ्रास्ट्रक्चर का होना और भाषायी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अफ्रीका में कम उड़ानें होती हैं और वहां अंग्रेजी बोलने वाले गाइड और होटल भी नहीं मिलते। किसी भी देश में गई तो वहां का सिम कार्ड तक नहीं लिया। इससे वहां की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला।