Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

02 अक्टूबर 2021 गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की ओर से  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयन्ती तथा भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की 117वीं जयन्ती स्थानीय

0
95

चण्डीगढ़:- 02 अक्टूबर 2021 गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की ओर से  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयन्ती तथा भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की 117वीं जयन्ती स्थानीय सैक्टर 16 स्थित गांधी स्मारक भवन में बड़ी श्रृद्धा एवं उल्लास से मनाई गयी। पंजाब के राज्यपाल एवं प्रशासक चंडीगढ़ ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर दोनों महान हस्तिओं को अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज गांधी जी को याद करने के पीछे उनके सत्य और अहिंसा के सिद्धांत है। सत्य और अहिंसा के माध्यम से विरोधियों का हृदय परिवर्तन करना उनका मुख्य लक्ष्य था। गांधी जी और उनके विचार तभी प्रासंगिक हो सकते है जब सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय और शान्ति की बात होगी तो हमें गांधी जी के विचारों को अपनाना चाहिए। महात्मा गांधी ने सत्स व अहिंसा के अस्त्र से उस साम्राज्य से देश को गुलामी से  मुक्ति दिलाई जिसका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। गांधी स्वयं अपने काम करते थे इसलिए हमें भी अपने काम स्वयं करने चाहिए। गांधी जी ने बताया था कि देश वे दुनिया को सात पापों से बचना चाहिए जैसेकि सिद्धांत विहीन राजनीति, श्रमहीन राजनीति, विवेकहीन सुख, चरित्रहीन ज्ञान, नीतिहीन व्यापार, दयाहीन विज्ञान तथा त्यागहीन पूजा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एडिशनल साॅलिसिटर सत्यपाल जैन ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश में कई आन्दोलन चलायें लेकिन उन सभी की विषेशता यह रही कि वे सभी शान्ति पूर्वक एवं अहिंसक रहे।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती निर्मल दत्त ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को राष्टपिता की आत्मकथा जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि बापू कहते थें उनका जीवन ही उनका संदेश है। श्रीमती निर्मल दत्त ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी की ईमानदारी की मिसाल आज के नेताओं में कहीं नहीं मिलती। नेताओं को अपनी कथनी और करनी एक रखनी चाहिये।

डाॅ. देवराज त्यागी, निदेशक गांधी स्मारक भवन ने अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी के द्वारा दिखाये सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए। गांधी जी को महात्मा की उपाधि रविन्द्रनाथ टैगोर ने तथा राष्ट्रपिता की उपाधि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने दी थी। गांधी जी ने नमक आन्दोलन और दाण्डी यात्रा करके देश को शोषणमुक्त करने का संदेश दिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इस आन्दोलन का नाम अमर हो गया।

 वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की विचार धारा, सत्य, अहिंसा, त्याग, परोपकार अगर हम इन चीजों को अपने जीवन में अपनायेगे तो ही मानवता का कल्याण होगा।

                यह कार्यक्रम सांस्कृतिक विभाग चंडीगढ़ प्रशासन तथा प्राकृतिक चिकित्सा समिति एवं सेन्ट्रल बैंक आॅफ इंडिया के सहयोग से सम्भव हुआ।

कार्यक्रम के प्रारम्भ सामूहिक स्वच्छता अभियान, सामूहिक चर्खा कताई, पुष्पांजलि एवं गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णवजन से हुआ। ब्लू बर्ड पब्लिक स्कूल पंचकूला की म्यूजियम टीचर श्रीमती हंसा बोहरा एवं स्कूली छात्र-छात्रओं ने समधुर भजनों से दर्शको को ओत-प्रोत कर दिया।

गांधी संग्रहालय का मुख्य आर्कषण वरूण टण्डन द्वारा बनाई गई 15 फुट की गांधी जी की पोट्र्रेट का रहा। बहुत भारी संख्या में इसको पसन्द किया गया। कवियों में डा. विनोद शर्मा, प्रेम विज, डा. सरिता मेहता, डा. अनीश गर्ग, नीरू मित्तल नीर, अशोक नादिर, बलवंत तक्षक, संतोष गर्ग, दलजीत कौर, बलवीर बाहरी, संगीता शर्मा कुंदरा, राजेन्द्र बंसल ने कविताओं से अपनी श्रद्धांजलि दी।

                समारोह में विशेष रूप से डा. राजीव कपिला, डा. वीना, पुनीता बावा, संजीव शर्मा, मोनिका, डा. जसपाल चंद, ब्रिजमोहन त्यागी, परमजीत कौर, नीलम, नीरजा राव, निशा, शिखा एश्ना भटनागर, राजेश सुखीजा, योग गुरू नरेश शर्मा, रमन शर्मा, अशोक मायर, बी.डी.शर्मा, कमल त्यागी, डेजी बेदी, इत्यादि ने भाग लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन उमा महाजन ने सफलतापुर्वक किया।