Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों को मकई दाना निकालने वाली (पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर) मशीन तैयार करने पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

0
123

चंडीगढ़, 30 नवंबर -हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों को मकई दाना निकालने वाली (पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर) मशीन तैयार करने पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। इस पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर मशीन को भारत सरकार द्वारा पेटेंट भी किया है। जिससे वैज्ञानिकों का ‘‘लोकल से ग्लोबल’’ तक ले जाने का सपना साकार होगा।
श्री दत्तात्रेय ने वैज्ञानिकों के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में उपयोग होने वाले नई तकनीक के यंत्रों को ईजाद कर छोटे व सीमांत किसानों के लिए किसानी कार्य को और सरल व कम लागत वाला बनाने पर कार्य किया है। इस प्रकार के उपकरणों को डिजाइन कर पेटेंट करवाने से कृषि के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र शिक्षा पूरी करने के बाद उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना पाएंगे।
राज्यपाल ने एच.ए.यू की इन उपलब्धियों पर कहा कि यह वैज्ञानिकों और उनके विद्यार्थियों को कौशल और मेहनत का अथक प्रयास है। भारत सरकार द्वारा किसी भी उत्पाद को पेटेंट देना यह विश्वविद्यालय की एक उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन तथा नाबार्ड की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाकर किसानों को सस्ती व किफायती दरों पर उपकरण मुहैया करवाये जा सकते हैं जिससे किसानों की फसल लागत कम होगी और मुनाफा ज्यादा होगा।
उन्होंने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कहा कि यह अनुसंधान कार्य कृषि क्षेत्र के लिए विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों का आहवान किया कि अपने संस्थानों में इस प्रकार के उपकरणों की अनुसंधान तकनीक विकसित करके मार्केट में उतारें और विश्व बाजार में भाग लेने के लिए आगे बढ़े। यह निश्चित रूप से युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी कदम होगा।
इस मशीन के डिजाइन और अनुसंधान करने में विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. विजय कुमार सिंह व सेवानिवृत्त डॉ. मुकेश गर्ग व छात्र इंजीनियर विनय कुमार का योगदान रहा है।
कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अमरजीत कालरा के अनुसार इस मशीन का प्रयोग कम जोत वाले व छोटे किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। इस मशीन से मक्का का बीज तैयार करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसके द्वारा निकाले गए दाने मात्र एक प्रतिशत तक ही टूटते हैं और इसकी प्रति घंटा की कार्यक्षमता भी 55 से 60 किलोग्राम तक की है और मशीन तैयार होने पर यह किसानों को मात्र 15 से 20 हजार रुपये मूल्य पर उपलब्ध होगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बी.आर काम्बोज ने कहा कि कृषि शोध कार्यों के लिए निरंतर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) का सहयोग लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एचएयू को मिल रही लगातार उपलब्धियां यहां के वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही अथक मेहनत का ही नतीजा है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसंधान से अब तक कृषि में प्रयोग होने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक उपकरणों का डिजाईन पेन्टेट हो चुका है।
उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से भविष्य में भी इसी प्रकार निरंतर प्रयास करते रहने की अपील की है ताकि विश्वविद्यालय का नाम यूं ही रोशन होता रहे।
फोटो कैप्शन-1- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों द्वारा मकई दाना निकालने वाली (पेडल ऑपरेटेड मेज शेलर) तैयार की गई मशीन।