Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

 समावेशी शिक्षा से देश बनेगा आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री

0
486

समावेशी शिक्षा से देश बनेगा आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री
शिक्षा नीति जीवन मूल्यों को आत्मसात करने वाली हो
निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों की बैठक आयोजित
चण्डीगढ, 11 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश के वातावरण के अनुसार दी जाने वाली शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है। इस शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति आत्म निर्भर बनेगा और देश भी आत्म निर्भर बनेगा।
मुख्यमंत्री आज यहां राजभवन में राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
बैठक में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, उच्चतर शिक्षा सलाहकार श्री बृज किशोर, उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर बी के कुठियाला, उच्चतर शिक्षा परिषद के वाईस चेयरमैन डॉ. के सी शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती भी मौजद रहे।
नई शिक्षा नीति-2020 जीवन मूल्यों को आत्मसात करने वाली शिक्षा नीति
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित दो दिवसीय बैठक बुलाने पर राज्यपाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में निजी विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नई शिक्षा नीति में जीवन मूल्यों से जुड़ी शिक्षा को शामिल किया गया है ताकि व्यक्ति का सामुहिक विकास सुनिश्चित हो और वह आत्मनिर्भर बने। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का ढेर नहीं है बल्कि जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का माध्यम है और इसके बिना शिक्षा अधूरी है। उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा के कारण हम वास्तविक जीवन उपयोगी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जीवन मूल्यों को प्राथमिकता दी गई है ताकि हम उसे आत्मसात कर अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाते सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों का उद्देश्य एक ही है। उन्हें न केवल एक-दूसरे की बल्कि दूनियाभर के विश्वविद्यालयों की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को अंगीकार करना चाहिए।
संसाधनों के क्षेत्र में विश्वविद्यालय आत्म निर्भर बनें
उन्होंने कहा कि चाहे सरकारी हो या निजी विश्वविद्यालयों हों, सभी को संसाधनों के क्षेत्र में आत्म निर्भर होना चाहिए और इसके लिए ऐलुमनी बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय इसके लिए वर्ष में एक दिन ऐलुमनी-डे का आयोजन कर दूनियाभर गए हुए अपने ऐलुमनिज को आमंत्रित कर सकते हैं। आत्म निर्भरता के लिए ऐलुमनी फंड्स के अलावा सीएसआर फंड से भी सहायता ली जा सकती है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के पास नौजवानों की काफी बड़ी वर्कफोरस होती है और इन युवाओं को शिक्षा देने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के सर्वे आदि कार्यों में भी शामिल किया जा सकता है। इससे विश्वविद्यालयों को राजस्व की प्राप्ति होगी वहीं छात्रों का बौद्घिक विकास होगा। विश्वविद्यालय सरकार के अनेक विभागों को अपनी स्किलफुल कंस्लटैंसी देकर भी वित्तीय संसाधन उत्पन्न कर सकते हैं। मानव रचना और अशोका विश्वविद्यालय इस विषय में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुसंधान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और ज्ञान के बारे में अपडेट करते रहना चाहिए।
रोजगार के लिए हुन्नरमंद शिक्षा जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी को खत्म करने के लिए युवाओं को हुन्नरमंद बनाना जरूरी है। तकनीकी शिक्षा का जितना फैलाव होगा युवा उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा और उसे सहज ही रोजगार भी मिल जाएगा। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास को प्रमुखता दी गई है। हमारी शिक्षा ऐसी हो जिसके केन्द्र में रोजगार हो लेकिन वह संस्कारवान भी बनाए।
बैठक को सम्बोधित करते हुए उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक चालीस प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों का जीरो ड्रॉपआउट ट्रेस करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक बुराइयों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी.एस. ढेसी, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री विजेन्द्र कुमार, राज्यपाल के सचिव श्री अतुल द्विवेदी, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक श्री राजीव रत्न सहित निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव भी उपस्थित रहे।