कोरोना वायरस के चलते आम लोगों का इलाज करने में आनाकानी करने का खामियाजा 59 साल की बुजुर्ग महिला को भुगतना पड़ा। बीमार प|ी को लेकर पूरी रात पति लुधियाना के निजी अस्पतालों में ठोकरें खाता रहा, लेकिन किसी ने भी इलाज नहीं किया। इसके बाद मोहाली ले जाते समय माछीवाड़ा के गांव लुबाणगढ़ की भूपिंदर कौर (59) की मौत हो गई। दर्शन सिंह ने बताया कि उसकी प|ी पिछले काफी समय से ब्लड प्रेशर और सांस की बीमारी से पीड़ित थी और रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई। उसे माछीवाड़ा साहिब के प्राइवेट अस्पताल ले आया, जहां डॉक्टर ने प|ी में खून में कैंसर के लक्षण मिलते बताए। उस प|ी को लुधियाना में ले जाने को कहा गया। दर्शन सिंह ने बताया कि वह प|ी को लुधियाना अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन वहां एमरजेंसी वॉर्ड में 2 घंटे इलाज के बाद डॉक्टरों ने जवाब दिया कि यहां इलाज संभव नहीं। आधी रात फिर अपनी प|ी को लेकर बड़े प्राइवेट अस्पताल चला गया, परंतु वहां भी एक घंटे के बाद इलाज करने से मना कर दिया गया। पीड़ित ने बताया कि लुधियाना के दो निजी अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया था।
कर्फ्यू के चलते नहीं पहुंच पाए बेटे व बेटियां
उधर, भूपिंदर कौर के अंतिम संस्कार पर उसकी बेटियां और बेटा कोई भी न पहुंच सका। बेटा-बेटी विदेश रहते हैं, जो कि कोरोना वायरस के कारण उड़ाने बंद होने के कारण नहीं आ सका, जबकि एक बेटी दिल्ली में विवाहित है, जो कर्फ्यू के कारण अंतिम सस्कार में नहीं पहुंच सकी।