Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने खोपड़ी के निचले हिस्से में फंसी गोली निकाल पुलिस कांस्टेबल की बचाई जान

0
114

फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने खोपड़ी के निचले हिस्से में फंसी गोली निकाल पुलिस कांस्टेबल की बचाई जान

— डॉ. अशोक गुप्ता ने की सफल सर्जरी के 48 घंटे बाद मरीज चलने और बातचीत करने में सक्षम हो गया —

मोहाली, 21 नवंबर, 2023ः फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में ईएनटी विभाग की त्वरित और समय पर कार्रवाई ने क्राइम ब्रांच के एक कांस्टेबल की जान बचाई, जो हाल ही में कैथल में बदमाशों के साथ क्रॉस-फायरिंग के दौरान करीब से गोली लगने से घायल हो गया था।

क्राइम ब्रांच, कैथल में तैनात कांस्टेबल तरसेम कुमार को ओरल कैविटी से अत्यधिक रक्तस्राव के बाद फोर्टिस अस्पताल मोहाली ले जाया गया। गोली उसके मुँह से होते हुए खोपड़ी के निचले हिस्से में फंस गई थी। गोली का असर इतना जोरदार था कि जीभ दो हिस्सों में बंट गई। जिसके बाद रोगी की कमजोर नाड़ी कमजोर हो गई, उनकी सांस फूलने लगी और चेहरे और जीभ पर तीव्र सूजन के साथ-साथ घाव से भारी रक्तस्राव का होने लगा।

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ईएनटी और हेड एंड नेक सर्जरी डायरेक्टर डॉ. अशोक गुप्ता ने सबसे पहले गोली के ट्रेजेक्टरी पथ का निर्धारण किया और अधिक रक्त हानि को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक सर्जरी की योजना बनाई। चूंकि गोली खोपड़ी के निचले हिस्से में फंसी हुई थी, इसलिए अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता थी। डॉ. अशोक गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम में एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अनुरागिनी गुप्ता भी शामिल थीं और ईएनटी विभाग की डॉ. नेहा शर्मा ने सर्जरी की। तीन घंटे तक चली सर्जरी के दौरान मरीज की खोपड़ी में फंसी गोली को सावधानीपूर्वक निकाल लिया गया। इसके बाद मरीज तेजी से ठीक होने लगा और सर्जरी के 48 घंटे बाद चलने में सक्षम हो गया। सर्जरी के तीसरे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।

मामले पर चर्चा करते हुए डॉ. अशोक गुप्ता ने कहा, हम बेहद सावधानी से मरीज के जबड़े से गोली निकालने में सफल रहे। सर्जरी करने के लिए सटीकता की आवश्यकता थी। प्रक्रिया के 48 घंटों के बाद, रोगी आसानी से चलने और संवाद करने में सक्षम हो गए। सर्जरी के बाद एडिमा और सूजन भी कम थी।