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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

  नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में एक आदर्श शिक्षक की सबसे अहम भूमिका -राज्यपाल

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नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में एक आदर्श शिक्षक की सबसे अहम भूमिका -राज्यपाल

चंडीगढ़, 22 नवंबर – एक साधारण शिक्षक बच्चों को केवल पढ़ाता हैं लेकिन एक अच्छा शिक्षक अच्छे मानव को तैयार करता है, जबकि श्रेष्ठ शिक्षक अपने हासिल किए गए अनुभवों और बहुआयामी ज्ञान से प्रतिभावान एवं चरित्रवान नई पीढ़ी का निर्माण करता है। यह गरिमापूर्ण उद्गार हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज सांयकाल पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में नई शिक्षा नीति-2020 के विषय पर आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में प्रकट किए।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आज भारत 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक नई व्यवस्थाएं बना रहा है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के आधार स्तंभों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक समावेशी और प्रेरक नीति है, जिसका उद्देश्य भारत में शिक्षा प्रणाली का सुधार और परिवर्तन करना है। नई नीति रोजगार क्षमता से उद्यमिता की ओर बदलाव को दर्शाती है और यह नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी पैदा करने वालों को आगे बढ़ाने का प्रयास करती है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक उत्कृष्ट नीति है क्योंकि इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को समग्र, लचीला, बहु-विषयक बनाना हैं। 21वीं सदी की आवश्यकता और गरीबी उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों द्वारा दो हजार पंद्रह में अपनाए गए दो हजार तीस सत्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाना है।
राज्यपाल हरियाणा ने कहा कि शिक्षा नीति का मुख्य फोकस एक समग्र शिक्षा प्रदान करना है जो शरीर के साथ-साथ दिमाग के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करती है। भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी मौजूदा शिक्षा प्रणाली और शिक्षण संस्थानों की बहुत बड़ी भूमिका है, इसलिए शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने का दायित्व हम सभी पर है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति की महत्वता को समझते हुए इस नीति को वर्ष 2030 की बजाए वर्ष 2025 तक ही पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल शिक्षा और कौशल के बहुआयामी और बहु-विषयक पहलुओं की स्थापना कर रही है, बल्कि भारत सरकार की अग्रणी पहलों और प्रमुख योजनाएं जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया के साथ भी हाथ मिला रही है।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में हम सबके अलावा एक आदर्श शिक्षक की भूमिका सबसे अहम हैं। उन्होंने आदर्श शिक्षक की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि एक आदर्श शिक्षक मेें समय के अनुरूप कंप्यूटर की व्यापक रूप से उचित जानकारी होनी चाहिए। उनका आई क्यू लेवल श्रेष्ठ होना चाहिए। वे सभी समस्याओं का समाधान बताने व करने में सक्षम होने चाहिए। उन्हें डिजिटल एजुकेशन के बारे में उचित जानकारी का ज्ञान होना चाहिए। अपने विषय में उनको महारथ होनी चाहिए। एक अच्छे शिक्षक में एक अच्छे मानव का निर्माण करने का गुण होने चाहिए। एक सफल शिक्षक को अपना पूरा जीवन एक विद्यार्थी के रूप में यापन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक को चाहिए कि वह विद्यार्थियों को दिल से प्रेरणा दें और उनके उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करें ! उन्होंने कहा कि यदि आप नई शिक्षा नीति को प्रभावशाली ढंग से लागू करेंगे तो भारत पुनः विश्व गुरु कहलाएगा
इस अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो एम जगदेश कुमार, पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 रेनू विग, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तानकेश्वर कुमार ने भी अपने विचार रखें !