Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

देशभर में बैंक कर्मी अगले सप्ताह 48 घंटे हड़ताल करेंगे 

0
8
देशभर में बैंक कर्मी अगले सप्ताह 48 घंटे हड़ताल करेंगे 
चण्डीगढ़ : देश की 9 बड़ी बैंक यूनियनों के समूह यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर देशभर में बैंक कर्मी अगले सप्ताह 48 घंटे हड़ताल करेंगे। ये यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, विदेशी बैंक, सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 8 लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में यूएफबीयू के पदाधिकारियों ने एक प्रेस वार्ता करके हड़ताल की जानकारी देते हुए बताया कि ये हड़ताल 23 मार्च की मध्यरात्रि से 25 मार्च की मध्यरात्रि तक की जाएगी। यूएफबीयू के नेशनल मीडिया कन्वीनर तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फ़ेडरेशन, चण्डीगढ़ के संयुक्त महासचिव प्रियव्रत ने बताया कि यूनियन की जायज़ मांगों को सरकार और बैंक प्रबंधन द्वारा अनसुना किया जा रहा है।
उनकी मांगे हैं कि सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती की जाए और अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए, बैंकिंग उद्योग में सप्ताह में 5 दिन कार्य प्रणाली लागू की जाए, सरकार द्वारा हाल ही में जारी प्रदर्शन समीक्षा और पीएलआई संबंधी निर्देशों को तत्काल वापस लिया जाए, क्योंकि ये बैंक कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और भेदभाव उत्पन्न करते हैं, असामाजिक तत्वों द्वारा बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों पर होने वाले हमलों को रोका जाए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में श्रमिक/अधिकारी निदेशकों के रिक्त पदों को भरा जाए, बैंक कर्मचारियों से संबंधित लंबित मुद्दों का समाधान किया जाए, ग्रेच्युटी अधिनियम में संशोधन कर सीमा ₹25 लाख की जाए और इसे आयकर से मुक्त किया जाए, कर्मचारियों को दिए जाने वाले कल्याणकारी लाभों पर आयकर की वसूली न की जाए; इसका भार प्रबंधन वहन करे।
आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51% बनाए रखी जाए, सरकारी निर्देशों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नीतिगत मामलों में अनुचित हस्तक्षेप बंद किया जाए, बैंकों में स्थायी नौकरियों का आउटसोर्सिंग रोका जाए व बैंकिंग उद्योग में अनुचित श्रम प्रथाओं को समाप्त किया जाए।
बैंकों में पर्याप्त भर्ती की आवश्यकता
बैंकिंग क्षेत्र एक सार्वजनिक सेवा उद्योग है जो प्रतिदिन लाखों लोगों को सेवाएं प्रदान करता है। पिछले एक दशक में बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती में भारी कमी आई है, जिसके कारण शाखाओं में स्टाफ की भारी कमी हो गई है। इससे ग्राहक सेवा प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार बढ़ रहा है।
कर्मचारियों की  संख्या में गिरावट:
2013 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 8,86,490 कर्मचारी थे, जो 2024 में घटकर 7,46,679 रह गए, यानी 1,39,811 कर्मचारियों की कमी आई है। क्लर्क 3,98,801 (2013) से घटकर 2,46,965 (2024) व  सब-स्टाफ 1,53,628 (2013) से घटकर 94,348 (2024) हो गए हुए हैं।
बैंकों में 5-दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग
वित्तीय क्षेत्र में भारतीय रिज़र्व बैंक और बीमा कंपनियों में पहले से ही सप्ताह में 5 दिन कार्य प्रणाली लागू है। कई निजी कंपनियों और आईटी उद्योग में भी यही नियम लागू है। बैंकों ने भी सरकार को इस प्रस्ताव की सिफारिश की थी, लेकिन अभी तक इसे स्वीकृति नहीं मिली है। इसलिए हम इस मांग को जल्द लागू करने की अपील करते हैं।
यूएफबीयू में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक यूनियंस, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस, नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स व नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स यूनियंस शामिल हैं।