- ट्रम्प ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस बॉक्सर ने ईरानी ड्रोन के करीब आने पर उसे मार गिराया
- ईरान के विदेश मंत्री ने अपना ड्रोन गिराए जाने की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया
Dainik Bhaskar
Jul 19, 2019, 09:28 AM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि होरमुज की खाड़ी में तैनात उसके युद्धपोत ने गुरुवार को एक ईरानी ड्रोन को मार गिराया। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस से बयान जारी कर कहा कि युद्धपोत यूएसएस बॉक्सर ने बचाव के लिए यह कार्रवाई तब की जब ड्रोन उससे 1000 यार्ड्स (918 मीटर) से भी कम दूरी पर आ गया। ड्रोन से शिप और उसके क्रू की जान पर खतरा था। शिप के हमले में ड्रोन पूरी तरह तबाह हो गया।
ट्रम्प ने ईरान पर एक बार फिर अमेरिका को भड़काने का आरोप लगाया। व्हाइट हाउस में रिपोर्टर्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि ईरान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर किसी जहाज के खिलाफ शत्रुतापूर्ण रवैये का यह सबसे ताजा मामला है। मेरी अपील है कि इस मामले में सभी देश साथ आएं और यात्रा की आजादी का साथ दें। ट्रम्प ने खाड़ी में मौजूद दूसरे देशों को भी सुरक्षा के लिए साथ आने को कहा।
ड्रोन को रोकने की चेतावनी भी दी गई: पेंटागन
पेंटागन के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे हुई। यूएसएस बॉक्सर अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से खाड़ी की तरफ जा रहा था। इसी दौरान एक ड्रोन बॉक्सर के करीब आ गया। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने कहा कि युद्धपोत पर मौजूद सैन्यकर्मियों ने कई बार ड्रोन को दूर रहने की चेतावनी दी, लेकिन वह लगातार आगे बढ़ता रहा। बचाव में ड्रोन को गिराना पड़ा।
ईरान ने दावा नकारा
अमेरिका की इस हरकत से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्रम्प के दावे को ही नकार दिया। जरीफ गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात में शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने किसी ड्रोन को गिराए जाने की जानकारी नहीं है। ईरान के राजनयिक ने भी अमेरिका के दावों को मानने से इनकार कर दिया।
ईरान ने अमेरिका के जासूसी ड्रोन को मार गिराया था
पिछले महीने ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों में विस्फोट और ईरान के अमेरिकी खुफिया ड्रोन को मार गिराने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने अमेरिकी ड्रोन के मार गिराए जाने के बाद ईरान पर हमले का आदेश तक दे दिया था, बाद में अफसरों से सलाह-मशविरे के बाद उन्होंने फैसला बदल दिया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कंट्रोल सिस्टम और जासूसी नेटवर्क पर कई बार साइबर हमले किए थे। इससे पहले ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा था- “ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। ओबामा की खतरनाक योजना के तहत वे बहुत ही कम साल में न्यूक्लियर के रास्ते पर आ गए। अब बगैर जांच के यह स्वीकार्य नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब ईरान से प्रतिबंध हट जाएंगे और वह फिर से एक समृद्ध राष्ट्र बन जाएगा।”