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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

ज्ञानी दित सिंह के जीवन और दर्शनशास्त्र पर संगोष्ठी का आयोजन

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ज्ञानी दित सिंह के जीवन और दर्शनशास्त्र पर संगोष्ठी का आयोजन
ज्ञानी दित्त सिंह के कार्यों ने लोगों को राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक रूप से जागरूक किया : गुरविंदर सिंह धमीजा
चण्डीगढ़ : हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकूला, अदारा भाई दित सिंह पत्रिका, ज्ञानी इंटरनेशनल सोसाइटी, चंडीगढ़, विश्व पंजाबी प्रचार सभा, चण्डीगढ़ और पंजाबी विभाग, पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 46, चंडीगढ़ द्वारा ज्ञानी दित सिंह के जीवन और दर्शनशास्त्र पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आभा सुदर्शन ने अतिथियों का स्वागत किया और साहित्य के सामाजिक जागरण में ज्ञानी दिन सिंह के योगदान की सराहना की और कहा कि हमें उनके लेखन से मार्गदर्शन लेना चाहिए और समाज के कल्याण में योगदान देना चाहिए। छात्रों को ज्ञानी दित सिंह जी के जीवन, इतिहास और समृद्ध विरासत से अवगत होने की आवश्यकता है। इस संगोष्ठी के संरक्षक गुरविंदर सिंह धमीजा, उपाध्यक्ष, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकूला ने अपने भाषण में कहा कि ज्ञानी दित्त सिंह के जीवन और विचारधारा के अलावा, उनके कार्यों ने लोगों को राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक रूप से जागरूक किया। विशिष्ट अतिथि मनमोहन सिंह दौन ने कहा कि ज्ञानी दित सिंह एक समाज सुधारक, सिंह सभा आंदोलन के सक्रिय उपदेशक और एक सांस्कृतिक सुधारक थे और उनकी रचनाएँ व्यक्ति को जींना सिखाती हैं। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. बलजीत सिंह, वाइस प्रिंसिपल, गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर 46 चंडीगढ़ ने की।
उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमें ज्ञानी दित सिंह जी के जीवन, विचारधारा और संघर्ष से मार्गदर्शन लेने की जरूरत है, जिसके साथ मनुष्य रह सकता है। मुख्य अतिथि श्री गगनदीप सिंह, एचसीएस (संपदा अधिकारी-सह-भूमि एवं हस्तानान्तरण कलेक्टर पंचकूला) ने कहा कि ज्ञानी दित सिंह जी ने समकालीन समाज की कठोर परिस्थितियों का सामना किया और ऐसी विचारधारा प्रस्तुत की जिसने समाज में भाईचारा और समानता प्रदान की। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में महाविद्यालय के समस्त कर्मचारियों ने भाग लिया।