रोपड़ .जाली सर्टिफिकेट बनाकर हरियाणा के युवकों को पंजाब कोटे से फौज में भर्ती कराने वाले 5 आरोपियों को रोपड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 8 लाख रुपए नकदी, 48 व्यक्तियों के नकली दस्तावेज, 29 आधार कार्ड और 63 जाली स्टैम्प्स बरामद हुए हैं।
आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर हरियाणा के 26 युवकों को पंजाब कोटे से फौज में भर्ती कराया है। एसएसपी रोपड़ स्वप्न शर्मा ने खुलासा किया कि कुछ दिन पहले सांझ केंद्र रोपड़ में ये लोग वैरिफिकेशन कराने आए थे। केंद्र के इंचार्ज राजिंदर सिंह व स्टाफ को शक हुअा क्योंकि ये हरियाणवी बोल रहे थे और दूसरा वैरिफिकेशन कराने के लिए सुशील सिंह निवासी रघुबीर नगर रोपड़, जगदीप सिंह निवासी राजिंदर नगर वार्ड नंबर 13 और प्रदीप सिंह निवासी वार्ड नंबर 1, सतलुज काॅलोनी रोपड़ की आर्मी की वैरिफिकेशन संबंधी जाली कागजात का एड्रेस इन्होंने दिया था, जबकि रघुबीर नगर व राजिंदर नगर का कोई रिहायशी एरिया रोपड़ में है ही नहीं। केंद्र स्टाफ ने इसकी जानकारी डीएसपी (आर) गुरविंदर सिंह और एसएचओ सिटी राजपाल सिंह को दी।
जिसके बाद राजपाल सिंह ने मामले की जांच की और आरोपी योगेश कुमार निवासी बाजीगर बस्ती लुधियाना, अमित कुमार निवासी फिरोजपुर कैंट, मनोज कुमार निवासी फिरोजपुर कैंट, सुनील निवासी कर्मगढ़ नरवाणा, मनजीत सिंह निवासी जींद (हरियाणा) को काबू किया। इनके खिलाफ धारा 420, 465, 467,468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज कर किया गया है। मिन्नी सचिवालय में फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले छठे आरोपी बोबी की भूमिका की पुलिस जांच कर रही है। सभी मोहरें फिरोजपुर और दिल्ली से बनाई गई हैं। जाली मोहरें बनाने वालों को भी नामजद किया जाएगा। आरोपियों को रविवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा।
पंजाब में साल में कई बार होती हैं भर्तियां :एसएसपी ने बताया कि यह गैंग 5 सालों में करीब 150 व्यक्तियों के जाली सर्टिफिकेट बना चुका है। हरियाणा के 26 युवकों को तो जाली दस्तावेज तैयार कर फौज में भर्ती भी करवा चुका है। पंजाब में यह गैंग इस लिए सक्रिय था क्योंकि यहां फौज की भर्ती में मुकाबला कम है और साल में कई बार भर्तियां की जाती हैं।
इसके कारण लोग पंजाब में जाली रिहायशी सर्टिफिकेट व कास्ट सर्टिफिकेट बनवाकर तश्दीक करवाते थे। दो साल में यह गैंग रोपड़ में सक्रिय था। रोपड़ जिला कंडी एरिया में होने के कारण फौज में लंबाई में 5 सेंटीमीटर की छूट है। इन्होंने 2017 में रोपड़ में 4 लोगों को व 2018 में 6 लोगों को जाली सर्टिफिकेट बना कर फौज में भर्ती करवाया है।
रिटायर्ड फौजियों के रिहायशी प्रूफ बनवाकर ज्यादातर हुईं भर्तियां :गैंग के मुखिया योगेश के पिता फौज में थे। इसके चलते वह 1995 में और उसके बाद वर्ष 2005 में लुधियाना आया। लुधियाना के जगराओं पुल के नीचे जहां मििलट्री कैंप है, वहां से इसने रिटायर फौजियों को फंसाकर उनके रिहायशी प्रूफ बनवाए। उसने 150 के करीब व्यक्तियों के जाली दस्तावेज तैयार किए।
इनमें से 26 व्यक्ति फौज में भर्ती हो गए। यह गैंग एक व्यक्ति से भर्ती होने के बाद 3 से 5 लाख रुपए लेता था। पूछताछ में ने बताया कि लुधियाना, ग्वालियर, फिरोजपुर और भवनेशपुर में तैनात कई एनसीओ भर्ती अथाॅरिटी और फौज में शामिल होने के लिए तैयार करने वाले पाईरैंट्स के बीच में कड़ी का काम करते थे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today