चण्डीगढ़ नगर निगम में नॉमिनेटेड काउंसलर बारे आज उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई : परसों तक प्रशासन से जवाब माँगा
मनोनीत पार्षदों के बगैर निगम सदन की कार्यवाईयाँ अवैध हैं : याचिकाकर्ता
चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़ नगर निगम में नॉमिनेटेड काउंसलर नियुक्ति हेतु आरटीआई कार्यकर्ता जसपाल सिंह के वकील मनदीप साजन के माध्यम से पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर पेश होकर जसपाल सिंह के अधिवक्ता मनदीप साजन ने आज अदालत के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया। इस केस की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने अगली तारीख 14 अक्टूबर, 2022 निर्धारित की है और चण्डीगढ़ प्रशासन के अधिवक्ता को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। याचिका के मुताबिक मनोनीत पार्षदों के बगैर निगम सदन की कार्यवाईयाँ अवैध हैं।
चंडीगढ़ नगर निगम में 35 पार्षदों का चुनाव दिसंबर 2021 में संपन्न हो गया था। इन 35 पार्षदों ने जनवरी 2022 दौरान शपथ ग्रहण कर लिया था लेकिन चण्डीगढ़ नगर निगम में नौ नॉमिनेटेड पार्षदों के नाम की घोषणा आज तक नहीं हुई। पिछले 25 वर्ष का इतिहास है कि चण्डीगढ़ नगर निगम में नॉमिनेटेड और चुनाव जीतकर आने वाले पार्षद एक साथ शपथ ग्रहण करते रहे हैं। साथ ही साथ महापौर, उपमहापौर व वरिष्ठ उप महापौर का चुनाव भी नॉमिनेटेड पार्षदों के नॉमिनेशन के बाद होता रहा है लेकिन इस बार यह इतिहास बदल गया है।
पता चला है कि नॉमिनेटेड पार्षद के मनोनयन के लिए प्रशासन के पास काफी संख्या में दावेदारियां पहुंची थी। अप्रैल 2022 दौरान प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस व पटवारी के माध्यम से जांच के बाद जसपाल सिंह सहित 32 आवेदकों के नाम शॉर्टलिस्ट करके प्रशासक चंडीगढ़ के पास भेज दिए थे। अब 32 दावेदारों में से नो पार्षदों के नाम नॉमिनेटेड पार्षद के तौर पर घोषित करने की जिम्मेदारी प्रशासक, चण्डीगढ़ के पास है।